भारतीय परंपराओं और संस्कृति पर आधारित अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल साहित्य सम्मेलन



आज भारत उत्थान न्यास, साहित्य मंच ने अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल साहित्य सम्मेलन का आयोजन गूगल मीट पर किया जिसमें विश्व के कोने-कोने से साहित्यकार जुड़े। सम्मेलन की शुरुआत सुशीला शर्मा द्वारा प्रस्तुत स्वरचित सरस्वती वंदना से हुई। सिंगापुर में रहकर 30 वर्षों से हिन्दी साहित्य का प्रचार-प्रसार कर रहीं मुख्य अतिथि चित्रा गुप्ता ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय मूल के सभी साहित्यकारों को एक मंच पर आकर भारतीय परम्पराओं और संस्कृति को साहित्य के माध्यम से संपूर्ण विश्व से परिचित कराने का कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि शिखा रस्तोगी जो कि थाइलैंड में स्थित स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में हिंदी की शिक्षिका हैं। उन्होंने बताया कि यहां थाईलैंड में भारत से प्रेरित होकर अनेकों सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं। जिनमें हम भारतीय बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। शालिनी शर्मा ने नेरोवी केन्या (अफ्रीका) से अपनी कविता “कभी मैं राम लिखती हूँ, कभी घनश्याम लिखती हूँ, मैं भारत का गुणगान लिखती हूँ, सुनाकर सभी श्रोताओं में देशभक्ति का भाव भरा। जर्मनी से इन्दु नांदल, आबूधाबी से ललिता मिश्रा और दोहा (कतर) से शालिनी गर्ग ने अपनी कहानी और कविताओं से सम्मेलन की शोभा बढ़ायी। सम्मेलन का मंच संचालन करते हुए न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजीत कुंतल ने आव्हान किया कि भारतीय परंपराओं और संस्कृति के पुनरुत्थान हेतु भारतीय साहित्यकारों को आगे आना होगा तभी यह कार्य संभव है। नेवाई गवर्नमेंट कॉलेज राजस्थान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सोना अग्रवाल ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए (किताबों की व्यथा) कहानी के माध्यम से हिन्दी भाषा की विशेषता पर प्रकाश डाला। आमंत्रित वक्ताओं में डॉ मंजू गुप्ता, दोलन राय, डॉ निरुपमा वर्मा, शिवम् गुप्ता, रंजना लता, आर्यावर्ती सरोज, संजय कुमार मिश्र, डॉ पंकजवासिनी, मंजुषा पटेल, अलका, दिव्या द्विवेदी, रामनिवास तिवारी, सपना. सी. पी. साहू , ललिता कुमारी वर्मा, भानुप्रिया त्रिवेदी, आभा कुमारी चौधरी, सुशीला शर्मा, डॉ सुनीता सिंह ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कीं। धन्यवाद ज्ञापन न्यास की राष्ट्रीय मंत्री डॉ कल्पना पांडे द्वारा किया गया। इस अवसर पर कृष्ण कुमार जिंदल, रामरानी पालीवाल, डॉ. आनंदेश्वरी अवस्थी, डॉ अनीता निगम, डॉ सुरभी दत्त, निवेदिता चतुर्वेदी, सीमा निगम, डॉ के सुवर्णा, डॉ. दिनकर त्रिपाठी, पूजा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।