सीएम हेमंत सोरेन की सख्ती

सरकार से जमीन लेकर प्लांट नहीं लगाने वाली कंपनियां नपेंगी

जारी होगा कानूनी नोटिस

संजय सिंह, ब्यूरो चीफ सह प्रभारी,समाज जागरण,
दक्षणी छोटा नागपुर प्रमंडल,

राँची (झारखंड ) 31 मार्च 2023:-झारखंड सरकार से उद्योग-कारखाना लगाने के नाम पर सरकारी जमीन लेकर गायब हो जाने वाले जालसाज अब नपेंगे. पूर्व में जितनी सरकारें आयी, उन्होंने झारखंड सरकार की जमीन को प्लांट लगाने के नाम पर बेहिसाब तरीके से लुटाया. यही कारण है कि जियाडा की 9013 एकड़ जमीन में से 8021 एकड़ भूमि उद्योग-धंधे लगाने के नाम पर कंपनियों को आवंटित कर दी गयी. इनमे बड़ी संख्या में बाहरी कंपनियां भी शामिल है. मगर इनमे से कई कंपनियों ने आजतक जमीन लेने के बावजूद यहां प्लांट नहीं लगाया. पूर्व में किसी भी सरकार ने इन कंपनियों पर ना तो कोई दबाव डाला, और ना ही आवंटित भूमि की कभी किसी प्रकार की जांच कराई. जिस वजह से ये कंपनियां आराम से कंबल ओढ़कर घी पीती रही. मगर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने अब इन जालसाज कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. झारखंड सरकार से जमीन लेकर प्लांट नहीं लगाने वाली कंपनियां अब हेमंत राज में नपेंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जियाडा को ऐसे सभी कंपनियों और उनके मालिकों को कानूनी नोटिस भेजकर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. सीएम हेमंत सोरेन ने जियाडा के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटित कर प्लांट नहीं लगाने वालों को नोटिस जारी कर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. सीएम ने जियाडा को ऐसे उत्पादों को बनाने वालों को प्राथमिकता के आधार पर जमीन आवंटित करने का आदेश दिया है, जो झारखंड के मूल निवासी है और यहां के लोकल उत्पादों के उत्पादन के जरिये उद्यमी बनने का सपना देख रहे है. इसके अलावा सीएम ने जियाडा के अंतर्गत आने वाली जमीन का सीमांकन और बोर्ड लगाने का भी आदेश दिया है, ताकि बिना अनुमति कोई भी सरकारी जमीन पर कब्जा ना कर सके. आपको बता दें कि जियाडा के बोकारो, आदित्यपुर, रांची और संताल परगना क्षेत्र में कुल 132 इंडस्ट्रियल एरिया में 3484 इंडस्ट्रियल यूनिट है. जियाडा के अधीन 9013 एकड़ जमीन है, जिसमे 8021 एकड़ जमीन इंडस्ट्रियल यूनिट के लिए आवंटित की गयी है.