परिजनों से मिलाकर किया मानवता का सराहनीय कार्य।

समाज जागरण अनिल कुमार
हरहुआ वाराणसी। इंसान के अंदर जब इंसानियत का भाव जगता है तो वह कुछ भी कर सकता है। इसका जीता जागता मानवता का मिशाल पेश किया है हरहुआ ब्लाक के उदयपुर गाँव के रहने वाले समाजसेवी प्रिंस चौबे ने।
जब वे शनिवार 6 जुलाई को अपने स्वास्थ्य केंद्र जा रहे थे तो रास्ते मे एक लेटे पड़े बुजुर्ग विनय साहू उम्र 62 वर्ष पर नजर पड़ी जो बदहवास की स्थिति में दिखे। जब नजदीक पहुंचकर हाल चाल लेना चाहा तो बुजुर्ग के हाथ पर एक मोबाइल नम्बर गुदा हुआ था। बस! उन्होंने मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया तो दिल्ली में रहने वाले उनके भतीजे प्रमोद कुमार गुप्त से हुई। जानकारी से प्राप्त हुआ कि मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रहे अपने चाचा का उपचार कराने बीएचयू तीन माह पूर्व आये थे जो उसी समय साथ छूट गया। परिजनों ने काफी खोजबीन किया पर पता नहीं चला। प्रिंस चौबे ने बुजुर्ग के भतीजे प्रमोद को बताया कि इस समय मेरे गांव उदयपुर के पंचायत भवन पर सुरक्षित हैं। पूरा लोकेशन व साधन की जानकारी बता दिया। प्रमोद ने बताया कि मैं औरंगाबाद बिहार का निवासी हूँ चाचा जी ने ही मेरी लालन पालन पढ़ाई की और नौकरी दिल्ली में कपड़े के एक कारखाने में लगाई है जहां मैं नौकरी कर रहा हूँ। प्रिंस को अवगत कराया कि नजर रखियेगा नहीं तो कहीं भाग जा सकते हैं मैं फौरन बनारस पहुंच रहा हूं। प्रमोद गुप्ता दिल्ली शिवगंगा ट्रेन से आज 7 जुलाई को उदयपुर पंचायत भवन पहुँचे। चाचा की हालत देखकर भावुक हो रोने लगे और गले लगाकर हालचाल किया।लंबे समय से बिछुड़ने के चलते परिवार को जब मोबाइल से सूचना मिली तो परिजन भी सीधे वीडियो कॉल से जुड़ देखकर रोने लगे वहीं खुशी के भी आंसू निकल रहे थे कि बाबा भोलेनाथ ने हम सभी की विनती सुन ली है जल्द ही सपरिवार पहुंचकर दर्शन करेंगे।
आज प्रिंस चौबे अपनी चारपहिया वाहन से सैलून ले जाकर दाढ़ी ,सिर के बाल मुंडन कराया इसके बाद स्नान कराकर नए वस्त्र धारण कराया। इसके पूर्व प्रिंस चौबे ने स्थानीय पुलिस चौकी चंदापुर,प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र हरहुआ व मानसिक चिकित्सालय वाराणसी को जानकारी देकर उपचार व सहयोग के बाबत सम्पर्क किया था। गाँव के उमाशंकर व प्रतीक चौबे ने प्रिंस का साथ देकर रात में भोजन कराकर निगरानी करते रहे।
दोपहर बाद प्रिंस चौबे व साथियों ने अपने चारपहिया वाहन से मुगलसराय स्टेशन पहुँचाया जहाँ से प्रमोद गुप्ता घर औरंगाबाद के लिए प्रस्थान किया। प्रमोद गुप्ता स्टेशन पर रोते हुए कहा कि भैया आपका ऋण मैं नहीं चुका सकता पर जिंदगी भर याद बनी रहेगी।
आज उदयपुर गाँव समेत स्थानीय बाजार में प्रिंस चौबे के मानवीय सेवा की चर्चा होती रही। प्रिंस ने कहा कि सभी अपने लिए जीते हैं लेकिन समय पर दुसरों के लिए जीना सेवा करना जहां दायित्व है वहीं एक सुखद अनुभूति व आनन्द आता है।