कांग्रेस इंडिया गठबंधन लगा सकती है इन चार चेहरे मे से किसी एक पर दाव |

*प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस इण्डिया महागठबंधन से  प्रमोद तिवारी, अनिल शास्त्री,पूर्व सांसद डा राजेश मिश्रा अनुग्रह नारायण सिंह  में किसी एक को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने की  चर्चाएं तेज*

*शशि भूषण दूबे कंचनीय राजनितिक संवादाता

*लखनऊ/प्रयागराज* उत्तर प्रदेश में कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों को लेकर इण्डिया महागठबंधन में कांग्रेस को सत्रह संसदीय क्षेत्रो पर कांग्रेस प्रत्याशी उतारेगी जिसमें एक महत्वपूर्ण सीट प्रयागराज संसदीय क्षेत्र भी है, जो कांग्रेस को मिली है, जिस पर कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के नेताओं की भी नजर टिकी हुई है, लोग पाल्हा बदलने के लिए भी लगे हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से गुंजाइश कम होने के चलते लोग अंदरखाने में झांक रहे हैं कि शायद उनकी मकशद पूरी हो जाएगी इसके लिए बेताब हैं। लेकिन कांग्रेस हाईकमान प्रयागराज सीट पर अपने दावेदारों में प्रयागराज संसदीय क्षेत्र की प्रतिष्ठा को देखते हुए भारी भरकम प्रत्याशियों की तलाश में जुटी है। प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से  लोकप्रिय कद्दावर नेता सांसद प्रमोद तिवारी,पूर्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल शास्त्री एवं विधायक श्री अनुग्रह नारायण सिंह, का नाम सबसे ऊपर है,और इनके अलावा कांग्रेस के टिकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के सुपुत्र पूर्व स्विस बैंक अधिकारी अजय सिंह भी चुनाव लडने का मूड बना रहे हैं, लेकिन वह कांग्रेस छोड़ चुके हैं फिर भी संपर्क साधने के प्रयास में लगे हैं। उधर सांसद प्रमोद तिवारी एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनका कद मौजूदा परिस्थितियों में भारी भरकम है, लेकिन वह वाच कर रहे हैं की प्रयागराज सीट पर भाजपा से कौन प्रत्याशी आ रहा है, वैसे कांग्रेस में प्रयागराज सीट पर प्रमोद तिवारी का कद अबतक के सब पर भारी है, लेकिन वह चुनाव लडने की स्वीकृति देंगे तभी हाईकमान उनपर निर्णय लेगी। क्योंकि चुनाव जीतने पर कांग्रेस की राज्यसभा की एक बहुमूल्य सीट कम हो जायेगी।
प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से राजनीतिक समीकरण में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद एवं दो बार एम एल सी रहे डा राजेश मिश्रा को चुनाव लड़ाने पर भी कांग्रेस हाईकमान में रायसुमारी चल रही है, ऐसा इसलिए की चर्चा है कि डा राजेश मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उनके वाराणसी से चुनाव लडने के आफर को उन्होंने इन्कार कर दिया है और वह अपने पैतृक जिले देवरिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडने की इच्छा जताई है। लेकिन उक्त क्षेत्र से दो ससक्त दावेदार पहले से ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह विराजमान हैं। हालांकि देवरिया सीट पर यदि कांग्रेस हाईकमान पूर्व सांसद डा राजेश मिश्रा को कांग्रेस इण्डिया महागठबंधन प्रत्याशी बनाती है तो ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते बाजी कांग्रेस के हाथ में होगी। उधर प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से दर्जनों वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने की मांग कर रहे हैं उनका तर्क है कि यदि कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी चुनाव नहीं लडते है तो वाराणसी के पूर्व सांसद डा राजेश मिश्रा प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से वेहतर प्रत्याशी सावित होगे, ऐसा इसलिए कि डा मिश्र प्रयागराज जिले के सामाजिक भौगोलिक राजनीतिक परिस्थितियों से भलीभांति परिचित हैं इसलिए वह भी मजबूती से चुनाव लडेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के दर्जनों नेता एवं यमुनानगर के कई ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षो ने कांग्रेस हाईकमान से पूर्व सांसद डा राजेश मिश्रा को प्रयागराज से प्रत्याशी बनाए जाने की जोरदार मांग किया है।
प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के अन्य दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री स्व श्री हेमवती नंदन बहुगुणा के सुपुत्र उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं एआईसीसी सदस्य शेखर बहुगुणा,   उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा यमुनानगर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरूण तिवारी, केपी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष पूर्व मेयर चौधरी जितेन्द्र नाथ सिंह कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तस्लीमुद्दीन सहित आधा दर्जन स्थानीय दावेदार हैं।
*उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से उत्तर प्रदेश सरकार के मौजूदा कैविनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी चुनाव लड़कर सम्मान जनक पराजय प्राप्त तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे, जबकि 2019 में यमुनानगर के पुराने कांग्रेसी नेता पं रमा शंकर शुक्ल के परिवार के भाजपा छोड़कर कांग्रेस से योगेश दया शंकर शुक्ल चुनाव लड कर कांग्रेस के विपरित परिस्थितियों में डटकर मुकाबला किया था इन दिनों वह भाजपा में शामिल हैं*
प्रयागराज संसदीय क्षेत्र में यमुनानगर के चार विधानसभा क्षेत्र क्रमशः मेजा, कोरांव, करछना और बारा,  के अलावा महानगर के इलाहाबाद दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र को मिला कर संसदीय क्षेत्र की संरचना हुई है। गौरतलब बात यह है कि इन पांच विधानसभा क्षेत्र में बारा, कोरांव, करछना, इलाहाबाद दक्षिणी पर भाजपा जबकि मेजा विधानसभा क्षेत्र पर समाजवादी पार्टी के युवा विधायक संदीप पटेल ने भाजपा की विधायक श्रीमती नीलम करवरिया को पराजित कर कीर्तिमान स्थापित किया है।
उधर प्रयागराज क्षेत्र से भाजपा की मौजूदा सांसद डा रीता बहुगुणा जोशी की जगह पूर्व मेयर डा अभिलाषा नंदी गुप्ता, पूर्व विधायक श्रीमती नीलम करवरिया, कांग्रेस छोड़कर हाल में भाजपा में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व श्री हरि कृष्ण शास्त्री के सुपुत्र विभाकर शास्त्री लोकप्रिय चिकित्सक डा एल एस ओझा,  भाजपा से 2014 में संसदीय चुनाव लड़ें योगेश दया शंकर शुक्ल रहीस चन्द्र शुक्ल आदि दावेदार हैं।
*राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा सांसद डा रीता बहुगुणा जोशी पुनः कांग्रेस में शामिल होने की इच्छुक है, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा जी से अभी मुलाकात नहीं हुई इसलिए वेटिंग में है, हालांकि यूपी कांग्रेस प्रभारी पूर्व सांसद अविनाश पाण्डेय से डा जोशी की बात होने की चर्चा में है, यदि ऐसा होता है तो राजनीतिक समीकरण बदल जायेगा*
फिलहाल प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रमोद तिवारी, अनिल शास्त्री, डा राजेश मिश्रा एवं अनुग्रह नारायण सिंह में किसी एक को टिकट देने पर मंथन कर रही है। उधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री कुंवर रेवती रमण सिंह प्रयागराज संसदीय क्षेत्र कांग्रेस को देने के फैसले से सख्त नाखुश हैं, इसलिए यह भी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस भदोही संसदीय क्षेत्र लेकर प्रयागराज संसदीय क्षेत्र छोड़ सकती है, क्योंकि पूर्व सांसद डा राजेश मिश्रा के भदोही से चुनाव लडने की इच्छा जताई है इसलिए ऐसा परिवर्तन ऐन वक्त पर किया जा सकता है। क्योंकि कांग्रेस ने प्रयागराज सीट की मांग नहीं किया था अपितु फूलपुर संसदीय क्षेत्र की डिमांड किया था।