जनहित कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त- महापौर

सीवर और पेयजल समस्या का समाधान करने में लापरवाही बरतने पर जीएम जलकल का हुआ स्थानांतरण, जनहित के कार्यों में लापरवाही बरतने पर जीएम जलकल और सहायक लेखाधिकारी पर गिरी गाज

आगरा। भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ महापौर श्री हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने मोर्चा खोल दिया है। महापौर द्वारा नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग मंत्री को पत्र लिखने के बाद में जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह और नगर निगम के सहायक लेखाधिकारी और कार्यालय अधीक्षक का कार्य देख रहे उल्लास वर्मा का मंत्रालय ने स्थानांतरण कर दिया है। नगर विकास विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह को जलकल विभाग, नगर निगम अलीगढ़ में तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, नगर निकाय निदेशालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार सहायक लेखाधिकारी उल्लास वर्मा को नगर निगम मथुरा-वृंदावन में एक सप्ताह के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। 22 जून 2024 को महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को पत्र लिखकर सहायक लेखाधिकारी उल्लास वर्मा के खिलाफ पार्षदों, ठेकेदारों और कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के द्वारा कमीशनखोरी, मृतक आश्रितों सफाई मित्रों की नियुक्ति कराए जाने के लिए अपने आउटसोर्सिंग कंप्यूटर के माध्यम से रिश्वत लेने की शिकायत आने की जानकारी दी थी।
इसके साथ ही महापौर ने शहर की जनता की समस्याओं का समाधान करने में लापरवाही बरतने पर महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह के बारे में भी नगर विकास मंत्री को 22 जून 2024 को अवगत कराया था और जनहित में उनका स्थानांतरण करने की संस्तुति भी की थी। जिसके फलस्वरूप मंत्रालय द्वारा उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। महापौर ने बताया कि बोदला-बिचपुरी मार्ग पर स्थित 36 एमएलडी मुख्य पंपिंग स्टेशन का ठीक से संचालन न होने और मोटरों के बंद होने पर जीएम जलकल को नोटिस दिया गया था। इसके साथ ही महापौर के द्वारा पंपिंग स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया था। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। इसके साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में पेयजल समस्या का समाधान न होने और सीवर समस्या के विकराल होने के बारे में भी जीएम जलकल को कई बार लिखित और मौखिक निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद उनके द्वारा लापरवाही की गई। ऐसे में जनहित में उनके स्थान पर नए जीएम की नियुक्ति की आवश्यकता थी। महापौर ने कहा कि निगम में कोई भी अधिकारी जनहित के कार्यों में लापरवाही बरतेगा या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ वह कड़ी कार्रवाई करेंगी।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट