दारोगा के दोहरी नीति एव मापदंड तथा मनमानी से औरंगाबाद जिलै में सरेआम बढ़ रहे हैं अपराध के ग्राफ

थाना के संरक्षण में सरकारी संपदा एव संपत्ति का हो रहा है चोरी, और खुलेआम बिक रहे हैं शराब एव बालू,आखिर जबादेह कौन?

रिर्पोट अनिल कुमार मिश्र जिला औरंगाबाद (बिहार)

औरंगाबाद (बिहार) 04 अक्टूबर 2022 :-मुँह माँगी रिश्वत राशि नहीं देने वाले “शराब माफिया एवं बालू माफिया ” के विरुद्ध एक ओर अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष एवं सहायक दारोगा द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बालू से लदे ट्रैक्टर एवं शराब को जप्त किया जाता है और कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया जाता है। तो दुसरी ओर सूचना देने के बावजूद भी अम्बा थाना के संरक्षण में बिक रहे जहरीली शराब एवं बालू की अवैध उत्खनन व विक्री,सरकारी संपत्ति व संपदा की चोरी के विरूद्ध कार्रवाई नही किया जाता है।
अगर यह कहा जाये कि अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष एवं संबंधित अधिकारियों के दोहरी नीति व मापदंड से अपराध के ग्राफ बढ़ते जा रहे हैं। थाना के संरक्षण में सरेआम अवैध शराब के कारोबार फल फूल रहा हैं तथा अवैध रूप से बालू का उत्खनन ,सरकारी संपत्ति और संपदा की चोरी हो रहे हैं । तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

प्रारंभ होता है दमन की कार्रवाई तो मामला पत्रकारों के पास पहुंचता है

अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष से जनहित में जब भी
सवाल पुछा जाता है तो पत्रकारों को नसीहत देते हुए अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष द्वारा कहा जाता है राजनीतिक पाठ हमें नहीं पढ़ायें,आप लोग सूचना देकर अपने दायित्व को समाप्त कर देते हैं ,पुलिस जाती है तो कोई बताने वाला नहीं होता है ,शराब पकड़वाने वाला नहीं होता है। कहिए तो हम नंबर देते हैं शराब पकड़वा दिजिए ,बालू पकड़वाना है तो कहिए नंबर देते हैं बालू पकवाड़ा दिजिए।

ज्ञात हो कि जनता द्वारा अम्बा थाना को सूचना देने के पुन: 10 घंटे बाद फोन किया, इसके बाद 4 अक्टूबर 2022 के सुबह लगभग 8:00 बजे दो मोटरसाइकिल से अम्बा थाना का चार पुलिस आये और वारिस प्रारंभ होने के कारण वार्ड सदस्य के घर बैठकर वहां से वापस चले गए । जब युवा वर्ग उन्हें अम्बा -देव रोड़ सड़क पर रोककर कहा कि राकेश कुमार पिता श्री नारायण राम कुटी वाला घर में शराब रखता है और मकान के पिछे लर में छुपा कर रखता है तो अम्बा थाना से आये लोगों ने कहा, तुम लोग स्कुटी वाला को पकड़ाओ, जो शराब देता है, यह राम है, बोल रहा है कि हमलोग पीते भी नहीं हैं और बेचते भी नहीं हैं।
युवाओं द्वारा काफी कहने के बाद भी शराब जप्त करने / पकड़ने की कार्रवाई नहीं किया गया और दो मोटर साईकल से आये चार पुलिस चले गये।

आखिर क्यों ?

एक के विरूद्ध कार्रवाई होती है जब दूसरे पर कार्रवाई की बात आती है तो कार्रवाई नहीं होती है और साक्ष्य के वावजूद सभी साक्षय गायब जाते हैं

जितनी शिकायत ,उतनी जांच,जितना जाँच उतने ही शेयरदार औरंगाबाद के लिए लोकोक्ति बन चुका है ।

औरंगाबाद जिले के लगभग सभी थाना बिचौलियों की गिरफ्त में है तथा थाना पर बिचौलिया पूर्णरूपेण हावी है एवं रिश्वत राशि की बदौलत थाना से कुछ भी करवाने के लिए सक्षम/तैयार हैं। वहीं अपराधियों एव बिचौलियों से तालमेल रखने वाले थाने के संबंधित थाना ध्यक्ष व सहायक दारोगा एवं इनके कुकृत्यों की जाँच करने वाले,जाँच पदाधिकारी वरीय पदाधिकारियों को दिग्भ्रमित कर शिकायत कर्ता के विरुद्ध नफरत की आग पैदा कर देते हैं,जिससे पीड़ित व प्रभावित लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं और तथ्यहीन व झुठे प्रतिवेदन के अधार पर एक ओर अपराध कर्मियो को बचाव में संबंधित थाने के पुलिस अधिकारी सफल हो जाते हैं तो दूसरी ओर जितनी शिकायत ,उतने अधीक जुल्म की कहर शिकायतकर्ता के उपर ढ़ाहे जाते है। जो उद्देश्यों से भटक चुके थानेदार एवं सहायक दरोगा के लिए मोटी रकम कमाने का संसाधन है।

थाना के दोहरी नीति एवं मनमानी ,अपराधकर्मियो के संरणक्षण व पदीयशक्ति के दुरुपयोग बिहार आज के औरंगाबाद जिले में सरेआम अपराध को बढ़ावा देते जा रहे हैं करते हुए प्रारंभ करवाई से अंबा थाना एवं नगर थाना पदेन थाने एक और शराब विक्रेताओं को पकड़ कर जेल भेज रहे हैं तेरा खूब वाहवाही कब आ रहे हैं तो दूसरी ओर थाना के संरक्षण में सरेआम शराब बेच आ रहे हैं और समाजसेवियों को नसीहत देते हुए पत्रकारों कहते हैं कि मोबाइल नंबर दे रहे हैं फोन करके पकड़ा दीजिए एक औरत सरेआम थाना के संरक्षण में बालू बिक रहे हैं तो दूसरी ओर थानेदार बालू विक्रेताओं पर करवाई करें
अनैतिक धनोप आजम की चाहत में उद्देश्यों से भटक चुके तथा अपनी आदतों. एवं लतों से खराब हो चुके थानेदार एक ओर अपने पदीयशक्ति शक्ति का दुरुपयोग करते हुए थाना क्षेत्रों में सरेआम शराब बेचवा रहे हैं तो दअवैध रूप से बालू विचार हैं हरे पेड़ों की कटाई करवा रहे हैं तरकारी संपदा को सरेआम उठा रहे हैं इनके द्वारा ऐसे लोगों पर कार्रवाई किया जाता है जो मुंह मांगी रिश्वत राशि थाना को नहीं पहुंचाते हैं सबसे दिलचस्प एक और थानाध्यक्ष विक्रेताओं के विरुद्ध आबकारी विभाग से शिकायत करते हैं तो दूसरी ओर शराब विक्रेताओं को पकड़कर कि जिन भेजते हैं समाचार सुर्खियों में रखवा ही होते हैं