पिनाहट तालाब से निकलकर घरों तक पहुंचे मगरमच्छ को देख ग्रामीणों में भारी दहशत फैल गई। जिसे वन विभाग की टीम द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित चंबल नदी में छोड़ दिया गया।
थाना मनसुखपुरा क्षेत्र के गांव गढ़का पुरा के तालाब में कई बर्षो से रह रहे मगरमच्छ को पकड़ने के लिए कुछ माह पूर्व वन विभाग ने जाल लगाया गया था। किन्तु पकड़ में नहीं आ सका था। रविवार सुबह करीब 5 बजे तालाब से बाहर निकलकर किसान हजारी सिंह व लहसन सिह के घर बाहर पहुंच गया। जिसकी करीब चार फीट की लंबाई थी। अचानक घर के बाहर मगरमच्छ को देख किसान की चीख निकल गई। आवाज सुनकर आये ग्रामीणों ने लाठी डंडों से मगरमच्छ को पशुओं की ओर जाने से रोक दिया। मामले की सूचना वन विभाग कार्यालय पिनाहट पर दी। जहां से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। इतनी देर में मगरमच्छ तालाब के किनारे झाड़ियों में छुप गया। जिसे करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकालकर चंबल नदी पिनाहट घाट पर छोड़ा दिया गया है।
आखिर गांव के तालाबों तक कैसे पहुंच रहे मगरमच्छ व घड़ियाल
पिनाहट। चंबल नदी के तटवर्ती गांव गढ़का पुरा, विप्रावली, उकसाना, पलोखरा, मैदीपुरा, करकोली, उटसाना के तालाबों में अब। तक बड़ी संख्या में मगरमच्छ व घड़ियाल पाए गए हैं। जिनको पकड़ कर चंबल में छोड़ा जा चुका है। ग्रामीणों का मानना है। कि आखिर तालाबों तक मगरमच्छ कैसे पहुंच रहे हैं। वहीं रेंजर बाह उदय प्रताप सिंह ने बताया कि बरसात में बाढ़ के साथ बहकर बीहड़ में आ जाते हैं। पानी गंध से अपना रास्ता बनाते हैं। मगरमच्छ रास्ता नहीं भूलता है। जबकि घड़ियाल रास्ता भटक जाता है। साथ ही घड़ियाल गंदे पानी में नहीं रह सकता है।