दलबदलू नेता लक्ष्मी भार्गव पाला बदलने के लिए विचारधारा की आड लेते है लेकिन असल में उनकी कोई विचार धारा ही नही…..



समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख,गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट

मस्तुरी।भारतीय लोकतंत्र किस तरह अवसरवादी राजनीति से ग्रस्त है,हम बात कर रहे हैं मस्तुरी विधानसभा के दलबदलू नेता वर्तमान में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मस्तुरी उपाध्यक्ष लक्ष्मी भार्गव के बारे में जोगी कांग्रेस की दामन छोडकर पिछले चुनाव के वक्त ही कांग्रेस पार्टी मे आए थे।
आमतौर पर दलबदल करने वाले नेताओं के पास एक जैसे घिसेपिटे तर्क होते हैं।दलबदल करने वाले नेता निजी स्वार्थ की पूर्ति का प्रयोजन के लिए करते हैं।दलबल करने वाले नेता भले ही विचारधारा की आड लेते हों लेकिन यह सच है, कि ऊनकी कोई विचारधारा नही होती जिस दल में जातै हैं उसी की गुणगान करने लगते हैं।जबकि कुछ समय पहले तक उसकी निंदा करते रहते थे ।विडंबना यह है कि कई बार मतदाता भी उनके बहकावे में आ जाते हैं।
दलबदलू नेता जिस दल को छोडते हैं केवल उसे ही असहज नही करते बल्कि वे जिस दल में जाते है वहां भी समस्या पैदा करते हैं।कई बार वह विद्रोह करता है या फिर किसी अन्य दल में शामिल हो जाता है।
इसका मिसाल है लक्ष्मी भार्गव ,विधाडीह, भुरकुंडा, लोहर्सी के आसपास क्षेत्रों में लगने वाले ACCप्लांट का इसी माह 3 तारीख को लोहर्सी हाईस्कूल मैदान में जनसुनवाई रखा गया था जिसमें कांग्रेस कमेटी के ग्रामीण जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी समेत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मस्तुरी, युवा कांग्रेस कमेटी, व क्षेत्रीय लोग उपस्थित थे सब मिलकर जनसुनवाई का पीठासीन अधिकारी से जनसुनवाई स्थगित करने की मांग किया था जिसमें कांग्रेसी पदाधिकारियों के साथ उस जनसुनवाई को स्थगित करने के लिए दलबदलू नेता ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मस्तुरी उपाध्यक्ष उपस्थित रहा पूरे कांग्रेस कमेटी के सभी प्रकोष्ठों और क्षेत्रीय आम जनता उपस्थित होकर इस जनसुनवाई का विरोध किए थे।
आज पंद्रह दिनो बाद दलबदलू नेता लक्ष्मी भार्गव कांग्रेसीयों को अससमाजिक तत्व बता रहा यह बडा सवाल है। लक्ष्मी भार्गव अपने को ब्लॉक कांग्रेस का उपाध्यक्ष कहने वाला अवसर वादी नेता ACC प्लांट का जिससे स्वयं के मकान में कार्यलय खोलकर दलाली कर रहा है पूरे क्षेत्रीय लोगों को मालूम है।खुद जनसुनवाई में शामिल होकर कांग्रेसीयों और क्षेत्रीय लोगों के आंखों में धूल झोकने वाला यह नेता खुद अससमाजिक तत्व है और अपने ही पार्टी के लोगों को असमाजिक तत्व बोलकर आरोप लगा रहा है,ऐसे दोमुंहे लोगों को कांग्रेस पार्टी से तत्काल बाहर कर दे ना चाहिए।
लक्ष्मी भार्गव जैसे दोमुंहे अवसरवादी नेता के कांग्रेस पार्टी में रहने से कांग्रेस की गरिमा धूमिल हो सकती है।ऐसे नेता जनसेवा की आड में सियासत को एक पेशा बनाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं.