गुरुपूर्णिमा पर शिष्यों ने किया गुरु वंदन’

समाज जागरण रंजीत तिवारी
रामेश्वर वाराणसी
गुरु-शिष्य परम्परा का पावन पर्व, गुरु पूर्णिमा, यूँ तो पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है पर देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में इस पर्व का नज़ारा देखते ही बनता है। इस अति- आधुनिक वैज्ञानिक युग में, अति-प्राचीन, गुरु-शिष्य परंपरा को देखना, सुनना, समझना अदभुत लगता है। काशी भगवान् शिव की नगरी है और इस शहर का कोना-कोना, गुरु-पर्व, पर गुलज़ार रहता है । हज़ारों मठ-मंदिरों की पनाहगाह, काशी, गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हमें अपनी शानदार विरासत पर इतराने का एक बेहतरीन मौक़ा देती है । हालांकि इस दिन काशी के हर मठ-मंदिर में शिष्य का गुरु के प्रति समर्पण देखते ही बनता है लेकिन कुछ जगहें, काशी में, ऐसी हैं जहां सिर्फ़ देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी ये दृश्य देखने के लिए आते हैं। इन्हें जगहों में से एक है आज शिवदासपुर स्थित शिव शक्ति ज्योतिष परमर्श केंद्र पर ज्योतिषाचार्य डॉ शीतला प्रसाद त्रिपाठी के शिष्यों ने चरणों में पुष्पांजलि अर्पित कर शीश नवाया और उसके बाद प्रसाद ग्रहण किया। गुरु दर्शन-पूजन और प्रसाद ग्रहण का ये सिलसिला देर शाम तक चलता रहा।