प्राईवेट स्कूल संचालकों को जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा नहीं दिया जा रहा है आर०टी०ई की राशि किया जा रहा हैं टालमटोल


दैनिक समाज जागरण
गया ब्यूरो गजेन्द्र कुमार

R.T.E. की राशि भुगतान करने की दिशा में माननीय जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया द्वारा लापरवाही के कारण प्राईवेट स्कूल एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि सर्वविदित है कि शिक्षा जगत में हम निजी विद्यालयों की भूमिका सर्वोपरी है। समय- समय पर केन्द्र, राज्य एवं जिला स्तर पर सरकार के अनेक आदेश हम निजी विद्यालयों को दिया जाता रहा है, जिसे निजी विद्यालय संचालक मानते हैं और स-समय पूरा भी करते हैं फिर भी शिक्षा विभाग हम निजी विद्यालयों के प्रति उदासीन रहती है।

कोरोना महामारी काल में सारे निजी विद्यालयों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। अपनी दीनता की अनेक गुहार लगाने पर राज्य सरकार शिक्षा विभाग के द्वारा कोरोना काल में ही जिला शिक्षा कार्यालय को संबंधित निजी विद्यालयों के विगत 5 वर्षों से बकाये R.T.E. की राशि भुगतान हेतु भेजी गयी। लेकिन दुःखद स्थिति है कि R.T.E. की राशि विद्यालयों को भुगतान न करके पुनः • राज्य सरकार को लौटा दी गई। ये क्रम दो बार चलने के बाद पुनः हम निजी विद्यालयों के आग्रह पर सत्र 2017-18 एवं 2018-19 की R.T.E. की बकाया राशि माननीय उप सचिव शिक्षा विभाग बिहार सरकार के पत्रांक 8 / व. 3-55/2012 ( अंश – 76 दिनांक 21.10.2021 को गया जिला शिक्षा कार्यालय को 44,16,425 /= चौवालीस लाख सोलह हजार चार सौ पच्चीस रूपये तथा पत्रांक 8 / व० 3-55 / 2012 ( अंश) 117 दिनांक 10.01.2022 को 33,72,685 /= तेतीस लाख बहत्तर हजार छः सौ पचासी रूपये अर्थात कुल 77,89,110 (सत्ततर लाख नवासी हजार एक सौ दस) रूपये विगत 8:9 माह से गया जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जा चुका है लेकिन माननीय जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्राइवेट स्कूल एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन से दो-तीन आवेदन देने के बाद भी तथा जिला शिक्षा कार्यालय से हम निजी विद्यालयों की जाँच आदी करवाने के बाद भी अब तक R.T.E. की राशि भुगतान करने की मानसिकता नहीं बनी है।

R.T.E. के अन्तर्गत अलाभकारी शिशुओं के नामांकन के लिए प्रतिवर्ष सरकार हम निजि विद्यालयों पर दबाव बनाती है तथा अनेक कड़े नियम पारित करती है जिसे हम पूरा करते हैं, लेकिन जब R.T.E. की राशि भुगतान करने की बात आती है जो राज्य सरकार यदि कुछ सहानुभूति दिखती भी है तो जिला शिक्षा कार्यालय राशि उपलब्ध होने के बाद भी जानबूझ कर अनेक नुक्स लगाकर राशि को या तो लौटा देने में विश्वास रखती है या फिर हम निजी विद्यालयों के आर्थिक कष्ट को बढ़ाने अथवा भुगतान न करने में आनन्द का अनुभव करती है।

स्पष्ट है हम निजी विद्यालय अपनी पूँजी एवं असीम मेहनत से अच्छे गुणवत्ता योग्य विद्यालय चलाते हैं। यदि R.T.E. की राशि भुगतान करने में सरकार को कष्ट का अनुभव होता है तो R.T.E. का प्रावधान ही हम निजी विद्यालयों के लिए बन्द कर देना चाहिए। सरकार के विद्यालयों की व्यवस्था एवं शिक्षा की गुणवत्ता में हम निजी विद्यालय कहीं पीछे नहीं हैं और न ही हम सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हैं ।

अतः R. T.E. के बच्चें को नामांकन अपने विद्यालयों में लेने के लिये बाध्य न किया जाय। R.T.E. की राशि भुगतान की दिशा में माननीय जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया की उदासीनता पर दुःख जताते हुए एसोसिएशन अध्यक्ष श्री राम स्वरूप विद्यार्थी एवं सचिव श्री बिनोद लाल मेहरवार ने कहा कि विगत दस माह पूर्व से भुगतान हेतु आयी हुई R.T.E. की राशि यथाशीघ्र अधिकतम एक सप्ताह के अन्दर भुगतान की जाय अन्यथा हम निजी विद्यालय जिला शिक्षा कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य हो जायेंगे।

वार्ता में एसोसिएशन के माननीय पदाधिकारी / सदस्य श्री ज्योति प्रकाश सिन्हा, अजीत कुमार सिन्हा, उदय कुमार भास्कर, बृज राज, शैलेन्द्र कुमार, सुरेश प्रसाद, रवि अवतांश, जयप्रकाश, संतोष कुमार, प्रवीण रंजन, अरविन्द कुमार सिन्हा, मो. अर्फीन शैफी, धीरेन्द्र कुमार, दीपक तीवारी एवं अन्य पचास निजी विद्यालयों के संचालकों ने गया- जिला शिक्षा पदधिकारी के द्वारा R.T.E. की राशि भुगतान न करने का विरोध जताया।