सवाल सरकार से: शांति सह निगरानी समिति की आयोजित बैठक, औपचारिकता या कमाई की जरिया ?

सवाल सरकार से :- किसी भी धार्मिक अवसर पर विभिन्न थाना में शांति सह निगरानी समिति की आयोजित बैठक महज औपचारिकता हैं या कमाई की जरिया ?

क्या बिहार सरकार के सुशासन व्यवस्था में जनता के हिस्से में केवल शोषण व दमन ही हैं?

सवालों की जवाब मीड़िया को बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले में प्रशासनिक अधिकारी क्यों नहीं देना चाहते हैं? और दमन की कार्रवाई आवाज उठाने वाले पर ही क्यो होते आ रहा है।

समाज जागरण ,अनिल कुमार मिश्र ,प्रभारी मगध प्रमंडल सह ब्यूरो चीफ ,औरंगाबाद (बिहार)

औरंगाबाद (बिहार) 26 जनवरी 2023 :-औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड का विभिन्न थाने में आयोजित शांति सह निगरानी समिति की बैठक में डीजे पर प्रतिबंध की खबरें विभिन्न समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित होते ही संबंधित अधिकारियों एवं थानेदार के भाग चमक जाते हैं और कमाई की जरिया बढ़ जाता है ।

डीजे पर प्रतिबंध की खबरें प्रकाशित होने के बाद फिर क्या कहना है ! डीजे मालिक अपने पासा को संबंधित अधिकारियों के पास फेकते हैं और अपने पासा में क्षेत्रीय अधिकारियों को घसीटते हुए अपने डीजे की धुन पर अश्लीलता भरी भोजपुरी गानों से समाज में “खासकर युवा वर्ग के बीच ” अश्लीलता परोसते हैं तथा डीजे मालिक मनचले युवक के माध्यम से उनके अभिभावक को लूटने का कार्य करते है जिसमें स्थानीय प्रशासन एवं इनके अनैतिक कार्य के संरक्षण प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी अहम होती है।

ऐसी बात केवल औरंगाबाद जिले के कुटूम्बा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न थाना में ही नहीं है , जिले के संपूर्ण भागों में दिखाई देता है किंतु कुटूम्बा प्रखंड की चार थाने में सबसे सर्वश्रेष्ठ अम्बा थाना की बात करें तो इनकी मनमानी अंतिम प्रकाष्टा पर दिखाई देते हैं क्योंकि यह कुटूम्बा प्रखंड मुख्यालय का प्रमुख थाना है और इनकी दादागिरी विगत 20 वर्षों से अंतिम प्रकाष्ठा पर है और कोई भी पुलिस कप्तान इनकी बेलगाम व्यवस्था पर लगाम लगाने में आज तक सफल साबित नहीं हुए हैं ,चाहे वजह जो भी हो।

फलस्वरूप प्रशासनिक संरक्षण में मनचले युवक के मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रह है और इनके अभिभावक भी त्रस्त है। प्रशासनिक एवं राजनीतिक संरक्षण में बेलगाम हो चुके युवक कभी भी, किसी भी समय ,किसी के साथ ,कोई भी अश्लील हरकत कर बैठते हैं या आपराधिक घटनाओं का अंजाम दे देते हैं! जिसकी सुनवाई कहीं भी किसी स्तर पर नहीं होता है।

अपराधियों के बचाव में कानून को गिरवी रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध आखिर कर्रवाई क्यों नहीं होता है ! यह अपने आप में अहम सवाल है।

हालातों से त्रस्त लोग जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछने की जगह केवल मीडिया से सवाल पुछते हैं और कहते हैं कि यहां की मीडिया बिक चुकी हैं तथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध जनभावनाओं को सरकार, संबंधित पदाधिकारी एवं जनमानस के बीच रखना ही नहीं चाहते हैं।

आखिर प्रशासनिक अधिकारियों के गलतियों एवं खामियों के कारण तमाम मीडिया बदनाम क्यों हैं? यह भी अपने आप में सवाल है।

औरंगाबाद जिले के प्रखंड अनुमंडल एवं जिला स्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों द्वारा उपरोक्त तथ्यों की प्रति उत्तर, की प्रतीक्षा में आजतक दैनिक समाज जागरण समाचार पत्र का मगध प्रमंडल प्रभारी सह ब्यूरो चीफ औरंगाबाद (बिहार) है। संबंधित अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपरोक्त तथ्यों को प्रेषित कर मोबाइल नंबर सह व्हाट्सएप नंबर 98 5231 5231 पर उपरोक्त तथ्यों की प्रतिउत्तर ही मांगा गया है फिर भी संवाद प्रेषण तक बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले का कुटुम्बा प्रखंड से अंचल अधिकारी एवं प्रखंड विकास कुटूम्बा ,सदर अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद, जिला पदाधिकारी एवं पुलिस कप्तान औरंगाबाद का जवाब प्राप्त नहीं हुआ है ।


बतातें चले कि डीजे मालिक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन भोजपुरी अश्लील गाने के माध्यम से ग्रामीणों के बीच (खासकर युवाओं के बीच ) अश्लीलता परोसें जा रहे हैं। उक्त संबंध में 01 माह पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी, सदर अनुमंड़ल औरंगाबाद के व्हाट्सएप पर कुछ तथ्य को प्रेषित कर सवालों का प्रतिउत्तर जानने का प्रयास दैनिक समाज जागरण के मगध मंडल प्रभारी सह ब्यूरो चीफ अनिल कुमार मिश्र ने किया था , कर्रवाई करने की बात ही छोड़िए ,सवालों के जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। महीनों बीत जाने के बावजूद भी मैसेज का /सवाल का जबाब/ प्रतिउत्तर अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है ।

मीडिया के साथ जिले के वरीय पदाधिकारियों की व्यवहार एवं हालात, जब इस तरह हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों के भोले भाले जनता के साथ इनकी व्यवहार क्या होगा ? यह तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।