नोएडा प्राधिकरण मे गठित शिकायत निवारण समिति द्वारा दिए गए आदेश पर भी प्राधिकरण के सामान्य प्रशासन एवं वर्क सर्किल आफिसर संज्ञान लेना उचित नही समझते है। शिकायत निवारण समिति ने पत्रांक संख्या 571/2023 मे नोएडा प्राधिकरण के सामान्य प्रसासन को आदेशित किया था कि प्रार्थी वेंडर के प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर विधि पूर्ण कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। लेकिन 10 महीना से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी कोई संज्ञान नही लिया गया।
प्रार्थी जितेन्द्र पंडित ने समाज जागरण को बताया है कि वह नोएडा सेक्टर 63 मे 2013 से रेहड़ी पटरी लगाते है और यही उनके आय का मुख्य साधन है । इसी से अपना और अपने परिवार का गुजारा करते आ रहे है। जिसका साक्ष्य वेंडर ने 2015 मे बैंक के द्वारा जारी मुद्रा लोन स्टेटमैंट व बैंक से प्राप्त नो ड्यूज सर्टिफिकेट के रूप मे दिया है। वेंडर ने यह भी बताया की यह मुद्रा लोन बैक ने नोएडा प्राधिकरण के अतिक्रमण हटाओं कमेटी के द्वारा साल 2013 मे दिया गया जिसके आधार पर दिया। लोन का एकाउण्ट नंबर 6382317894 बैंक ब्रांच कोड 020214 है।
वेंडर का कहना है कि प्राधिकरण हमसे कहती है कि 2018 से पहले कि साक्ष्य ले आओ। अब इससे बड़ा साक्ष्य क्या हो सकता है। प्राधिकरण के द्वारा आज तक हमे लाइसेंस नही दिया है जिसके कारण हम लोगों को माननीय न्यायालय के शऱण मे जाना पड़ा है। प्राधिकरण अपने ही जबाब मे आईजीआरएस 40014124024415 मे यह कहती है कि हम 2018 के पहले वालों को ही आवंटन किए है। लेकिन अपने दूसरे ही आईजीआरएस 40014122001990 के जबाब मे कहती है कि अभी तक वर्ष 2013 से लेकर 2022 तक याचिकाओं के विरुद्ध 39 याचिकाओं मे आवंटन पत्र निर्गत किए गए है।
सवाल यह है कि वेंडर ने नोएडा प्राधिकरण को 2018 से पहले और 2018 के बाद दोनों ही प्रकार के कागजात (सबूत) दिए है उसके बाद भी वेंडर को लाइसेंसिंग प्रक्रिया के तहत वेंडिंग जोन मे दुकान उपलब्ध क्यों नही कराया गया है। प्राधिकरण ने पिछले सात साल मे सिर्फ 5 हजार या उससे कम वेंडरों के लिए जगह उपलब्ध करा पायी है। जबकि नोएडा मे वेंडरों के संभावित संख्या 40 हजार के आस पास मे है। दिन दुनी और रात चौगुनी के रफ्तार से इनकी संख्या लगतार बढ़ रही है। ऐसे मे कब तक प्राधिकरण इनके लिए उचित स्थान उपलब्ध करा पायेगी ?
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