आस्था : छठ महापर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य देकर मांगी मनोकामनाएं

मन्नतों और उपासना का कठिन महापर्व है छठ-डॉ. मनीष

मनोज कुमार रोहतास ब्यूरो,दैनिक समाज जागरण

छठ महापर्व भास्कर सूर्य को अर्घ्य देने के साथ शांतिपूर्ण भक्तिमय माहौल में संपन्न हुई। इस महापर्व पर रोहतास के सासाराम,डेहरी,बिक्रमगंज सहित समस्त क्षेत्रों में अलग-अलग इलाकों में श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ महोत्सव का समापन किया। वहीं बिहार के राजधानी पटना में भी शुक्रवार को 36 घंटे के निर्जला व्रत के समापन पर विभिन्न घाटों व घरों पर बनें कृत्रिम घाटों पर भी खूब रौनक रही। पर्व के अंतिम शुक्रवार के दिन अहले सुबह से ही लोग घाटों पर एकत्र हो गए थे। जिसमें सैकड़ों घाट दीयों की रोशनी से जगमग किए गए थे। जहां व्रतियों ने उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया। जिस व्रत के समापन पर घाटों पर लोगों के बीच ठेकुआ का प्रसाद भी व्रतियों द्वारा बांटा गया। इस अवसर पर पटना में व्रत कर रहें भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री डॉ. मनीष रंजन व उनकी पत्नी नेहा सिंह ने बताया कि छठ महापर्व एक उपासना का एक कठिन पर्व है। जिसके करने से दिल मांगी मन्नतों की छठी मईया पूर्ण करते हुए भक्तों के जीवन में एक नया सबेरा लाती है। जिनकी महिमा का प्रत्यक्ष फल देखते को तत्काल मिल जाता है। जिसमें व्रती महिलाएं कई कठिन नियमों का पालन करती हैं। अंतिम दिन लोगों ने पहले तो बेदी बनाकर वहां छठी माता का पूजा पाठ किया। उसके बाद उगते हुये सूर्य भगवान को अर्ध्य सुबह करीब 6:30 मिनट पर जब सूर्यभगवान के दर्शन हुये तो लोगों ने उन्हें अर्ध्य दिया और अपनी मनोकामनायें मांगी। मौके पर व्रतियों ने नदियों और तालाबों के घाटों पर पहुंचकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। चार दिवसीय इस महापर्व के चौथे दिन व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास का प्रसाद ग्रहण कर पारण भी किया। इस महापर्व पर सभी घाटों पर विशेष व्यवस्था देख वर्ती काफी खुश दिखें।

Leave a Reply