जमीनी विवाद में जानलेवा हमला होने की आशंका

-लोकतंत्र -संविधान-पंच परमेश्वर -सगा भाई -पुलिस अधीक्षक, दबंगई के सामने सब लाचार

=बेटियों की शादी करने का सपना भी चकनाचूर हो रहा- देश-समाज और दर्द को वेदना सुनाने को मजबूर हैं हकमारी के शिकार पीड़ित

वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
मामला किशनगंज मोती बाग चौक का है जहां पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। तीन बहनें- चार भाईयों की पैतृक जमीनों का अपने-अपने हिस्से को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।

लेकिन, बड़े भाई रमेश चौहान और उसके लड़के बाहुबली -दबंग होने के कारण सारी संपत्ति पर कब्जा कर रखें हैं। कहता है: कोर्ट से आदेश आएगा तब तुमको जमीन देंगे। ऐसी भाषा महाभारत के पहले कौरव भी बोलते थे। फिलहाल उस समय लोकतंत्र नहीं था।

पीड़ित परिवार थाना मुख्यालय से लेकर न्यायालय तक गुहार लगा चुका है। लेकिन अभी तक इंसाफ नहीं मिला है । पीड़ित गरीब के साथ कानून से प्यार करने वाले हैं।

कुछ माह पूर्व पीड़ित गुहार लगाने किशनगंज एसपी डॉक्टर इनामुल हक मेगनू के पास पहुंचा गया था। एसपी किशनगंज मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस बल की तैनाती कर मामले को दोनों पक्षों के बीच बीच पंचायत के द्वारा आपसी समझौता से लॉटरी के द्वारा निपटारा करवा दिया था। पंचनामा कागजात एवं
यह जानकारी वीडियो क्लिप में उपलब्ध है। पंचायत में सभी पक्षों ने हस्ताक्षर किया है। पेपर पंचों द्वारा हस्ताक्षर करके दे दिया गया है। सूत्रों ने कहा: पंच का फैसला सुप्रीम कोर्ट में भी अहम मायने रखता है लेकिन दबंग के लिए कागज का टुकड़ा है।

गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक किशनगंज के तत्कालीन प्रतिनिधि सह पुलिस पदाधिकारी सुमेश कुमार का ट्रांसफर हो चुका है।इसलिए बड़ा भाई रमेश चौहान छोटे भाई की हिस्से में गई भूमि पर से कब्जा नहीं छोड़ रहा है।दबंगई दिखा रहा है। उसका लड़का बोल रहा है: मैं पंचायत को नहीं मानता। कोर्ट से फैंसला होने के बाद ही जमीन देंगे। दबिया- गरासा लेकर काटने के लिए दौड़ा रहा है।
अर्थात भूमाफिया की तरह रमेश चौहान का लड़का व्यवहार कर रहा है। ऐसा लगता है-लोकतंत्र और संविधान से कोई भय उसे नहीं है। ऐसे माफिया और परिवार का स्थान जेल है या घर है, पह निर्णय लोकतंत्र के रखवालों को करना है।