मिलिंद देवड़ा ने आज यानी रविवार को कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी. इसके बाद अब राहुल गांधी के साथ पुराने युवा नेताओं में से केवल सचिन पायलट ही बचे हैं. जब राहुल गांधी ने 2004 में अपनी चुनावी राजनीति शुरू की, तो वे ‘बाबा ब्रिगेड’ कहलाने वाले लोगों से घिरे हुए थे.
ये आमतौर पर पीछे की सीटों पर कब्जा करते थे और इसमें सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और मिलिंद देवड़ा शामिल थे. ऐसा लगता है कि देवड़ा के बाहर निकलने का समय इससे बुरा नहीं हो सकता था. हाल ही में कांग्रेस के संगठन फेरबदल में देवड़ा को संयुक्त कोषाध्यक्ष बनाया गया था
इस तथ्य को देखते हुए कि देवड़ा के पिता मुरली गांधी परिवार के करीबी थे, कांग्रेस की प्रतिक्रिया अब तक संयमित रही है. दक्षिण मुंबई से दो बार के सांसद का काम यह सुनिश्चित करना था कि कांग्रेस उन शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए रखे जहां भाजपा ने पैठ बनाई है.
क्या देवड़ा के जाने से युवा प्रतिभाओं को एक साथ रखने की राहुल गांधी की क्षमता पर असर पड़ेगा? सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे कई लोगों ने उन्हें जगह न देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की है. कहा गया कि राहुल गांधी एक मंडली से घिरे हुए हैं, जिसने उन्हें पार्टी में जो गलत हो रहा है उससे पूरी तरह से अलग कर दिया है.
हालांकि सचिन पायलट अभी तक टिके हुए हैं लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस की दुविधा उनके भविष्य के लिए भी अच्छा संकेत नहीं हो सकता है. लेकिन फिलहाल, देवड़ा के जाने से पार्टी की स्थिति खराब हो गई है, जो राहुल गांधी के लिए एक और बदलाव करना चाहती है.