बाबा टेक सिंह तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार नियुक्त
शिरोमणि कमेटी का बजट सत्र 28 मार्च को होगा
रघुनंदन पराशर जैतो समाज जागरण पंजाब चीफ ब्यूरो
पंजाब (जैतो), 7 मार्च (रघुनंदन पराशर):: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आंतरिक कमेटी की बैठक आज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यालय अमृतसर में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क के नेतृत्व में हुई जिसमें जूनियर उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव शेर सिंह मांडवाला, अंतरिम सदस्य बीबी हरजिंदर कौर, अमरीक सिंह विचोआ, सुरजीत सिंह तुगलवाल, परमजीत सिंह खालसा, सुरजीत सिंह गढ़ी, बलदेव सिंह कायमपुर,दलजीत सिंह भिंडर, सुखहरप्रीत सिंह रोडे, रविंदर सिंह खालसा, जसवंत सिंह पुडैन,परमजीत सिंह रायपुर, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनन शामिल हुए।बैठक में शिरोमणि कमेटी का बजट सत्र 28 मार्च को बुलाने का फैसला लिया गया तथा शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के लंबित इस्तीफे सहित कई अन्य पंथक मुद्दों पर फैसले लिए गए। आंतरिक कमेटी की बैठक के बाद जारी प्रेस बयान के माध्यम से जानकारी देते हुए शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह ने बताया कि सिख संगठन का वार्षिक बजट सत्र 28 मार्च को दोपहर 12 बजे तेजा सिंह समुंद्री हॉल में होगा, जिसमें शिरोमणि कमेटी, गुरुद्वारा साहिबों, धर्म प्रचार कमेटी, शैक्षणिक संस्थाओं आदि का वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। अन्य निर्णयों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विचार-विमर्श के बाद अंतरिम कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को जत्थेदार के पद से सेवानिवृत्त कर दिया है और वह अब सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी के रूप में कार्य करेंगे। इसी प्रकार, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह का कार्यभार भी वापस ले लिया गया है तथा वह पहले की तरह सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी के रूप में सेवाएं देते रहेंगे। उन्होंने बताया कि तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सिख विद्वान एवं कथावाचक ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज तथा तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो में प्रमुख धार्मिक व्यक्तित्व बाबा टेक सिंह मुखिया बुंगा मस्तुआना, दमदमा साहिब को जत्थेदार नियुक्त किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार की नियुक्ति सभी सिख संस्थाओं, संगठनों और संप्रदायों से विचार-विमर्श के बाद की जाएगी और तब तक तख्त श्री केसगढ़ साहिब के नवनियुक्त जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज कार्यवाहक जत्थेदार के रूप में कार्य करेंगे। रघुजीत सिंह ने अंतरिम समिति द्वारा पारित प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी द्वारा निर्मित मीरी पीरी का महान सिंहासन है और दुनिया भर में बैठा प्रत्येक सिख इस सिद्धांत के प्रति समर्पित है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 के तहत सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है तथा अपनी स्थापना से लेकर आज तक गुरुओं की इच्छानुसार सिख संस्थाओं का उचित प्रबंधन करने, गुरबाणी का प्रचार करने, गुरुओं के इतिहास को विश्व भर में प्रचारित करने तथा सर्वजन हिताय के सिद्धांत को पूरी मानवता तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करती आ रही है। उन्होंने कहा कि महान तख्त मीरी पीरी के समक्ष शीश झुकाते हुए तथा पंथ के समक्ष गंभीर चुनौतियों के समक्ष वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्पष्ट रूप से यह विचार आता है कि वैश्वीकरण के इस युग में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह जी राष्ट्र का मार्गदर्शन करने तथा उचित नेतृत्व प्रदान करने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। विभिन्न संस्थाओं के बीच मतभेद, अंतराल और विभाजन बढ़ रहे हैं। सिख पहचान दुनिया भर में खतरे में है। सिख विरोधी ताकतें और एजेंसियां देश भर में सिख संस्थाओं के अस्तित्व को कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई हैं। लेकिन ऐसे नाजुक समय में पंथक शक्ति को मजबूत करने की बजाय जत्थेदार साहिब ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जिससे पंथक शक्ति कमजोर हो रही है।उन्होंने कहा कि अत्यंत सम्मानित पद पर रहते हुए अपने अड़ियल व्यवहार, अपनी बातों पर कायम न रहने तथा बार-बार अपने बयान बदलने के कारण उन्होंने न केवल हास्यास्पद स्थिति पैदा की है, बल्कि उनकी कार्यशैली ने जत्थेदार जैसे प्रतिष्ठित पद की गरिमा और सम्मान को भी गंभीर ठेस पहुंचाई है। आज यह समझना कठिन हो गया है कि उनके किस बयान पर भरोसा किया जाए। स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। रघुजीत सिंह ने कहा कि संगत के मन में इस बात को लेकर भी भारी निराशा है कि दुनिया भर में हो रही मर्यादा और पंथक मूल्यों के उल्लंघन की बेहद गंभीर और दर्दनाक घटनाओं पर जत्थेदार साहिब की चुप्पी और अपने उचित कर्तव्यों का पालन न करना भी जिम्मेदारी से विमुखता का ही मामला है। उन्होंने कहा कि अंतरिम समिति ने महसूस किया है कि अनेक कमियों, अनियमितताओं और शिष्टाचार के उल्लंघन को देखते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह को जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब के पद से सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए।
बैठक में ओ.एस.डी. सतबीर सिंह धामी, सचिव प्रताप सिंह, सचिव इंजी. सुखमिंदर सिंह, सचिव गुरिंदर सिंह मथरेवाल, निजी सचिव। शाहबाज सिंह, उप सचिव। गुरनाम सिंह, बलविंदर सिंह खैराबाद, कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमनबीर सिंह सियाली भी उपस्थित थे।