शहडोल – जयसिंहनगर से (सुनील द्विवेदी)
जयसिंहनगर। किसान द्वारा अपने खेत के कितने रकबे में कौन – कौन सी फसल की बुआई की गयी है, यह जानकारी पटवारी द्वारा शासन के दस्तावेजों में दर्ज करवाई जाती हैं, जिसे गिरदावरी कहा जाता हैं । पटवारी द्वारा रकबे में लगी फसल बुआई को प्रमाणित कर एप में सुरक्षित किया जाता है । लेकिन गिरदावरी नहीं होने से किसानों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे फसल नष्ट होने की स्थिति में बीमा क्लेम नहीं हो पाना, फसल विक्रय हेतु पंजीकरण न होना आदि।
*फसल विक्रय हेतु पंजीकरण न होने से किसान चिंतित*
पूरा मामला जयसिंहनगर तहसील के ग्राम पंचायत बसोहरा पटवारी हल्का क्रमांक 32 का है जहां किसान अपनी फसल की गिरदावरी कराने में अब तक चिंतित हैं। हल्का पटवारी बृजेन्द्र कुमार साकेत का कहना है कि गिरदावरी एप में गांव का नक्शा प्रदर्शित नहीं होने से गिरदावरी नहीं हो पायी है । उनका कहना है कि मैंने इस संबंध में तहसील और कलेक्टर कार्यालय में लिखित सूचना दी है जहां मुझे आश्वासन मिला है कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा ।
दशरथ सिंह मरावी सरपंच ग्राम पंचायत बसोहरा का कहना है कि सोसायटी के ऑपरेटर से बात हुई तो उन्होंने 25 सितंबर के बाद गिरदावरी और फसल विक्रय पंजीकरण एक साथ होने की आशा जताई है, उन्होंने कहा कि एप में अपडेशन किया जा रहा है जिससे किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द ही होगा। अब देखना यह है कि आखिर कब तक किसानों की समस्याओं का समाधान हो पाएगा।