चुन्नी खुदी युक्त सड़े गले चावल तथा कचरा युक्त सड़े गेहूं उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है।
यह कोई काल्पनिक घटना नहीं, धरातलीय सच्चाई है।
आखिर राशनकार्डधारी, उपभोक्ता किसके पास अपने हक के लिए जाए यह भी सोचनीय विषय है ।
समाज जागरण ,अनिल कुमार मिश्र ,ब्यूरोचीफ बिहार- झारखंड, प्रदेश।
बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले का कुटुम्बा प्रखंड में भ्रष्टाचार एवं दमन की कार्रवाई अंतिम प्रकाष्ठा पर है तथा दमन की कार्रवाई के आड़ में गरीबों के हक सरेआम लूटे जा रहे हैं! जिसकी एक कड़ी कुटुम्बा प्रखंड के आपूर्ति विभाग में व्याप्त अराजकता एवं भ्रष्टाचार हैं । आपुर्ति विभाग के संबंधित विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में सरेआम उपभोक्ता लूटाते आ रहे हैं, जिसकी सुनवाई कहीं भी नहीं हो पा रहा है।श और मामला जाॅच के नाम पर दम तोड़ दे रहा है।
आखिर उपभोक्ता किसके पास अपने हक के लिए जाए ! यह भी सोचनीय विषय है ।
आपूर्ति पदाधिकारी कुटूम्बा द्वारा जाॅच में यह भी पाया गया है कि डीलर के द्वारा मात्र 4 किलो चुन्नी- खुदी युक्त सड़े चावल ही उपभोक्ताओं को दिए जाते हैं तो फिर 5 किलो की जगह 4 किलो राशन देने वाले डीलरों के विरुद्ध आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुआ, यह भी अहम सवाल है,जाॅच का विषय हैं।
आपूर्ति विभाग कुटुम्बा के अंतर्गत कई डीलर बाजार भाव के अनुसार कभी चुन्नी -खुदी युक्त चावल अधिक मात्रा में उपभोक्ताओं को देते है तो कभी कचरे युक्त सड़े गेहूं अधिक मात्रा में कोई भी उपभोक्ता को दे दिया जाता है।,जो किसी काम का नहीं होते है।
डीलर के दुकान से मिलने वाले चावल गेहूॅ खाने लायक नहीं रहने के कारण जब उपभोक्ता अपने राशन को नहीं ले रहें हैं तो उन्हें राशन से वंचित कर दिया जा रहा है ,राशन की हालत दैनिय देखकर उपभोक्ता जब राशन नहीं लेते हैं तो उनको राशन उस माह में नहीं दिया जाता है।
डीलर के पास उपभोक्ताओं को अनेकों बार अंगूठा लगाने के लिए भी दौड़ लगाना पड़ता है । उपभोक्ताओं से अंगुठा भी लगवा लिया जाता है और कहा जाता है, मशीन काम नहीं कर रहा है। दौड़ लगाते लगाते उपभोक्ता जब थक जाते है और माह का अंत हो जाता है तो यह भी कह दिया जाता है कि आपका राशन लैपस कर गया।
उपभोक्ताओं का सविनय आग्रह ,अंचल अधिकारी कुटुम्बा, प्रखंड विकास पदाधिकारी कुटुम्बा ,अनुमंडल पदाधिकारी ,सदर अनुमंडल औरंगाबाद और जिला पदाधिकारी औरंगाबाद (बिहार) द्वारा उपरोक्त मामले में स्वयं संज्ञान लिया जायें ताकि राशन की कालाबाजारी पर रोक लगा सके और उपभोक्ताओं को सही समय पर सही राशन मिल सके।