गुरुओं को ऐसे आदर्श के रूप में देखा जाता है जो अपना जीवन सीखने और आत्म-सुधार के लिए समर्पित करते हैं: डा. जवाहर पासवान

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के सभागार में सम्मानित हुए के पी कॉलेज के प्रधानाचार्य

मधेपुरा।

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर राज्यपाल सचिवालय, राजभवन, पटना के निदेशानुसार टी पी कॉलेज के सभागार में “गुरू शिष्य परंपरा” पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए के पी कॉलेज मुरलीगंज के यशस्वी प्रधानाचार्य डा.जवाहर पासवान ने निर्धारित टॉपिक पर सारगर्भित व्याख्यान दिए। उन्होंने कहा कि
गुरु पूर्णिमा का त्यौहार जीवन भर निरंतर सीखने, ज्ञान का विस्तार करने और नए विचारों की खोज करने के लिए मनाया जाता है। गुरू के गुणों का बखान करते हुए कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं वो मेरे गुरू की देन है। उन्होंने कहा कि गुरुओं को ऐसे आदर्श के रूप में देखा जाता है जो अपना जीवन सीखने और आत्म-सुधार के लिए समर्पित करते हैं। सनातन धर्म में गुरुओं को ईश्वर के समान माना गया है। ऐसी मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं की पूजा अवश्य करनी चाहिए। कहा जाता है कि उनकी पूजा और उनकी शिक्षा के प्रति अपना आभार व्यक्त करने से जीवन का अंधकार समाप्त होता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस मौके पर टी पी कॉलेज के प्रधानाचार्य ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर एवम पुष्प गुच्छ भेंट कर उन्हें सम्मान किया।