यातायात मुखिया से सामने से गुजर रहे भारी भरकम ओव्हर लोड वाहन

रात का नजारा देख हक्का-बक्का रह गये लोग
छोटे वाहनों की जांच मे मगन, भारी वाहनों नही नजर
जितेंद्र शर्मा
अनूपपुर। प्राप्त जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले में ओवरलोड वाहनों द्वारा बड़े हादसों को आमंत्रण दी जा रही है, मगर यातायात पुलिस ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। एक के बाद एक ओवरलोड वाहनों को देखते हुए यातायात पुलिस की मुस्तैदी की हकीकत सामने आ रही है, इससे पता चलता है कि यातायात पुलिस टीम एवं प्रशासन किस तरह अपने कार्य को अंजाम देने में लगा हुआ है। शायद यातायात पुलिस अधिकारी बड़ा हादसा होने का इंतजार कर रहे है। वैसे तो यातायात पुलिसकर्मियों के द्वारा वहां चालकों पर पैनी नजर रखते हुए चालान काटने में माहिर दिखाई देते हैं मगर किसी भी ओवरलोड वाहन पर कार्यवाही करने के लिए तैयार नहीं है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में जिला पुलिस सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कर यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने यातायात पुलिस को निर्देश तो जारी कर दी, लेकिन इनके द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों को नियंत्रित करना नहीं बल्कि भाषणबाजी करके लोगों को जागरूक करने पर अधिक होता है जबकि इन भाषणों का लोगों पर अधिक असर नहीं होता। जब तक पुलिस यातायात नियम और सुरक्षा के प्रति सख्ती नहीं बरतेगी, सड़क सुरक्षा सप्ताह, पखवाड़े या सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। अभी तक ऐसा ही होता आया है कि पुलिस कर्मचारी यातायात नियमों का पालन करवाने की बजाये उल्लंघन करने वालों पर नजर रखते हैं और उन्हें साइड में ले जाकर दोनों के फायदे की बात करते हैं। वही कुछ वाहन यातायात के किसी भी नियम का पालन नहीं करते हैं। ओवरलोड होने के साथ-साथ इन वाहनों पर बैक लाइट, रिफ्लेक्टर, लाल झंडा, संकेतक या कोई भी निशानी नहीं होती। रही सही कसर वाहन चालक तेज आवाज में म्यूजिक बजाकर पूरी कर देते हैं। कई बार ओवरटेक करने वाले वाहन इनकी चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त तक हो जाते हैं। जबकि सब कुछ देखकर भी ट्रैफिक पुलिस मौन बनी हुई है या यूं कहें कि इसके लिए पीएचक्यू वाली मैडम ही मोर्चा संभाली हुई है।
भारी वाहन चालकों के हौसले बुलंद
पुलिस द्वारा नगर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयास करने के बाद भी नगरीय क्षेत्र की यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। नगर के व्यस्ततम और रहवासी इलाकों में भारी ओव्हर लोड वाहन चालक तेज रफ्तार से प्रेशर हॉर्न बजाकर गाड़ियां निकालते हैं। इनकी रफ्तार पर पुलिस भी लगाम नहीं कस पा रही। इसके चलते आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। पुलिस द्वारा नगर में भारी वाहनों के प्रवेश पर कार्रवाई की बात तो हर बार की जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती। इससे भारी वाहन चालकों के हौसले भी बुलंद हैं वही यातायात व्यवस्था भी ठप हो रही है। इस संबंध में आम नागरिकों द्वारा कई बार जिम्मेदारों को अवगत कराया गया, किंतु किसी ने इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा।
यातायात की समस्या वर्षों से ढीली-ढाली
पुलिस की कार्यशैली देखकर लगता है कि लोगों को जाम से मुक्ति मिलने वाली नहीं है। पुलिस की सह पर प्रतिदिन नियमों को ताक पर रखकर ओव्हर लोड भारी वाहनों का दिन भर आवागमन होता रहता है, भारी ओव्हर लोड वाहनों से सड़कों के भी परखच्चे उड़ रहे हैं। बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते शहरवासियों के समक्ष प्रतिदिन शहर में आने-जाने में समस्या खड़ी हो रही है। वैसे तो शहर में यातायात की समस्या वर्षों से ढीली-ढाली बनी हुई है। आलाधिकारियों द्वारा इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई किए जाने से कुछ दिन स्थिति बदल तो जाती है लेकिन, फिर से यह समस्या मुंह बाये खड़ी हो जाती है। जिसका खामियाजा शहरवासियों और यहां से गुजरने वालों को भुगतना पड़ रहा है। शहर में खासकर इंदिरा तिराहा, शंकर मंदिर तिराहा, अमरकंटक तिराहा, चचाई तिराहा, समेत जैतहरी-अनूपपुर मुख्य मार्ग व चचाई-कोतमा रोड मे जाम की स्थिति दिन भर काफी भयावह रहती है। भरकम बल्कर तथा दैत्याकार बड़े व ओव्हर लोड वाहन बेधड़क जैतहरी से राखड़ लोड कर अनूपपूर नगर मे प्रवेश कर रहे , वही यात्रियों से ठसाठस भरे मालवाहक वाहन भी बिना डरे आवागमन कर रहे परंतु मजाल है कि प्रभारी की नजर इनकी ओर पड़ जाये। प्रभारी के रहमोकरम या इशारे पर बड़े व ओव्हर लोड वाहन बड़े आराम से अपना सफर पूरा कर रहे ।
छोटे वाहनों पर नजर, बड़े पर रहम
यहां यह समझ नही आ रहा है कि दोपहिया, आटो समेत छोटे वाहनों की जांच कर उनसे लंबा चौडा चालान वसूल कर उच्चाधिकारियों को यातायात प्रभारी क्या दिखाना चाहती हैं जबकि उनके सामने से ही ओव्हर लोड वाहन बेधड़क गुजर जाते हैं पर उन वाहनों को रोककर ओव्हर लोड के बारे मे जानकारी लेना उचित नही समझती हैं। इससे जहां बड़े वाहन चालक नगर मे धमाचौकड़ी करते हैं वही स्थानीय निवासियों व छोटे वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। यदि जिम्मेदारों को इस मामले मे शक हो तो वे किसी भी समय किसी भी बल्कर, हाईवा, कैप्सूल वाहन का कांटा करवाकर अपना शक दूर कर सकते हैं।

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