न्यायिक फैसलों के साथ विदेशों को पत्र हिंदी में लिखने के लिए आंदोलन करेगी एच एम के पी

सुनील बाजपेई
कानपुर। हिन्द मजदूर किसान पंचायत हिन्द मजदूर किसान पंचायत जल्द ही एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करके जन आन्दोलन की शुरुआत करेगी ,जिसका एकमात्र उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर और देश से बाहर किये जाने वाले किसी भी पत्र कार्यवाही को हिन्दी में ही प्रेषित करवाना होगा। राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने जल शक्ति मंत्रालय के सचिव श्री देवश्री मुखर्जी द्वारा पाकिस्तान के सचिव सै० अली मुतर्जा को हिंदी के बजाय अंग्रेजी में पत्र लिखने को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है। हिंदी के स्थान पर अंग्रेजी में पत्र भेजे जाने का विरोध करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि लाल फीताशाही जबरदस्ती अंग्रेजी भाषा को भारत सरकार की भाषा बनाने में लगी रहती है। कर्मचारी मजदूरों के वरिष्ठ नेता राकेश मणि पांडे ने यह भी दलील दी कि राज्य अन्तर पत्रों का संचालन अपनी भाषा में कर सकते है। किन्तु देश की भाषा किसी भी रूप में अंग्रेजी स्वीकार नहीं है। चर्चित श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने यह भी कहा आज इतने वर्ष के बाद भी हम अपनी राष्ट्र भाषा हिन्दी को प्रतिष्ठापित नहीं करा पाये है, जो अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण और निन्दनीय है।हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने कहा भारत सरकार कम से कम विदेश को जारी किये गये पत्रों को हिन्दी में भेजे जाने का कार्य कर सकती है। न्याय पालिका, मेडिकल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में हिन्दी को अनिवार्य बनाए जाने की भी मांग करते हुए हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने कहा कि ऐसा करना देश और समाज के हित में अति आवश्यक है जिसका सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि हिन्द मजदूर किसान पंचायत जल्द ही एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करके जन आन्दोलन की शुरुआत करेगी ,जिसका एकमात्र उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर और देश से बाहर किये जाने वाले किसी भी पत्र कार्यवाही को हिन्दी में ही प्रेषित करवाना होगा उन्होंने कहा कि इसके लिए तब तक आंदोलन किया जाएगा जब तक हिंदी में लिखने की इसी अनिवार्यता को स्वीकार नहीं कर लिया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के तहत देश के सभी चौराहों स्थलों प्रचार के इरादे से लगाए गए अंग्रेजी बोर्डों में कालिक पोती जायेगी वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने कहा कि हिन्द मजदूर किसान पंचायत हर हाल में हिन्दी को राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने के लिए कृत संकल्प है।
मजदूर नेता राकेशमणि पाण्डेय ने भारत सरकार से मांग की कि वह अपने सभी अधिनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित करें कि वह राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी को त्याग कर हिन्दी में पत्राचार करें। न्यायपालिका के सभी आदेशों और निर्णय को हिंदी में ही लिखे जाने की भी अपील करते हुए चर्चित श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने कहा कि ऐसा करने से ना केवल देश का गौरव बढ़ेगा। बल्कि स्वालम्बन व स्वाधीनता भी परिलक्षित होगी। कानून की समस्त किताबों की उपलब्धता हिंदी में ही होने के साथ ही चिकित्सीय व तकनीकी शिक्षा में भी हिंदी को अनिवार्य किए जाने की भी मांग करते हुए हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने कहा कि राज्यों को छूट दी जाये कि वह राज्य में अपनी भाषा लागू करें। किन्तु अंग्रेजी भाषा का उपयोग कदापि मत करें ताकि भारत की संप्रभुता, एकता, अखण्डता और राष्ट्रीयता किसी भी कीमत पर प्रभावित न होने पाए।

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