समाज जागरण
मथुरा। लंकेश भक्त मंडल ने दशहरा पर यमुनापार यमुनापुल के नीचे स्थित शिव मंदिर पर महाआरती गई है और 10 घंटे महाजाप किया गया। दशानन के पुतला दहन का विरोध भी किया।
लंकेश भक्त मंडल 24 वर्षों से विजयादशमी पर रावण के पुतला दहन का विरोध करता आ रहा है। विजयादशमी पर रावण की पूजा भी करता है। इस भक्त मंडल में करीब 100 से ज्यादा सदस्य हैं। 10 घंटे का महाजाप सुबह 8.30 बजे शुरू हुआ। सीताराम मंदिर के महंत श्रीराम व उनके अनुयायी श्याम प्रकाश अवस्थी जाप किया। दोपहर एक बजे लंकेश भक्त मंडल द्वारा महाआरती की गई। महाआरती अध्यक्ष एड. ओमवीर सारस्वत, देवेंद्र वर्मा, नगर निगम के उपसभापति मुकेश सारस्वत, ब्रजेश सारस्वत, हरीशचंद्र सारस्वत, अजय सारस्वत, रजत सारस्वत रजत सारस्वत (पत्रकार), मेघश्याम सारस्वत, अखिलेश शर्मा, भूपेंद्र धनगर, ओम प्रकाश सारस्वत, महंत पीके बाबा, बालयोगी महाराज, संजय सारस्वत ने की। दशानन की जय-जयकार की। एड. ओमवीर सारस्वत ने कहा कि रावण विद्वान था, बार-बार पुतला दहन करना गलत है। बार-बार रावण के पुतला दहन की परंपरा को रोकने के लिए दशानन की पूजा का आयोजन किया जाता है। कुछ लोग प्रति वर्ष बुराई के रूप में प्रकांड विद्वान ब्राह्मण दशानन का पुतला दहन करते हैं और सच्चाई की बुराई पर जीत बताते हैं। सच तो ये है कि आज तक बुराई दूर नहीं हो पाई है। समाज को इसका कोई लाभ भी नहीं मिला है। जो लोग रावण का पुतला दहन कर रहे हैं, उनको ब्रह्म हत्या का पाप लगता है। इस कार्यक्रम में मौके पर ब्रजलाल सारस्वत, राकेश सारस्वत, सुमित सारस्वत, रिषभ सारस्वत, लोकेश सारस्वत, राकेश शर्मा, मोरमुकुट सारस्वत, गंगा प्रसाद सारस्वत, विपिन सारस्वत आदि लंकेश भक्त मौजूद रहे।