रूंगटा साबो बुढार क्षेत्र में फिर सूदखोरों ने अपने पैर पसारे

रूंगटा साबो बुढार क्षेत्र में फिर सूदखोरों ने अपने पैर पसारे सुदखोर,पप्पू,राकेश (उर्फ़) लल्लू पुरानी दफाई रूंगटा ने गरीबों के मजबूरी का फायदा उठाया सूदखोर बांट रहा पैसा वसूली के लिए गुर्गे तैनात

शहडोल. पुलिस अधीक्षक शहडोल के निर्देश में शहडोल पुलिस की ओर से सूदखोर के खिलाफ महाभियान ऑपरेशन शिकंजा शुरू किया गया था जिसमें पुलिस अधीक्षक ने खुद ही पीड़ितों की शिकायत को सुनकर कार्यवाही के निर्देश दिए थे और कई सूदखोरों के खिलाफ कठोर कार्यवाही भी हुई थी लेकिन एक बार फिर रूंगटा साबो बुढार और कोईलांचल क्षेत्र शहडोल के बुढार नगर में रुंगटा,साबो में सुदखोर ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है एक लाख रुपये कर्ज और उस पर 20 से 30 हजार रुपए सालाना ब्याज और वह भी चक्रवृद्धि यानी ढाई तीन साल में मूलधन से भारी ब्याज की रकम सूदखोर इस धंधे को कमाई का जरिया बना चुके हैं एक बार जो इनके चक्रव्यूह में फंसा तो बाहर नहीं निकल पाया कई बार हालात आत्मदाह तक पहुंच जाते हैं ऐसे ही सुदखोरों के जाल में जिले के हजारों लोग फंस चुके होंगे इसमे कई परिवार ऐसे भी होंगे जो अपने अपनों को खोने के बाद बेसहारा हो गए उनके समक्ष रोजी रोटी संकट बना रहता है पीडि़त फरियाद लेकर पुलिस थानों का कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं लोग सुदखोरों के चक्कर में धसते ही जा रहे हैं कई सूदखोर बाज आने से भी नहीं चूक नहीं रहे हैं जिले में जरूरतमंद लोग सूदखोर के शिकंजे में फास्ते जा रहे हैं गरीब लोग इनसे सर्वाधिक प्रभावित हो रहे है सरकारी दफ्तर से लेकर गरीब शक्तियों तक सुदखोरी का जाल फैला हुआ है सुदखोरी के कर्ज खुलेआम डरा धमकाकर वसूली कर रहे हैं ब्याज की वसुली कर रहे खुलेआम खेल रहे हैं ले रहे कर्जदार से 20 से 30 फ़ीसदी तक चक्रवृद्धि ब्याज वसूल रहे हैं साल में सूदखोरों से परेशान होकर न जाने कितने गरीब असहाय लोग आत्मदाह कर चुके होंगे कई परिवारों ने तो सामूहिक आत्मदाह तक की कोशिश करने का प्रयास कर चुके होंगे कई सूदखोरों वसूली करने के लिए गुर्गे पाल रखे हैं यह कर्जदार से घर कार्यालय से बाहर खुले आम वसूली करते हैं जो लोग बचने की कोशिश करते हैं उनके घर वसूली करने पहुंच जाते हैं हथियारों लैश यह लोग वसूली के लिए मारपीट पर उतरू हो जाते हैं

खाली कागज में, ब्लैक चेक पर करवाते हैं हस्ताक्षर और लगवाते हैं अंगूठा

सूदखोरी कर्ज लेने वाले व्यक्ति को कानूनी दस्तावेज में इस कदर उलझते हैं कि वह चाह कर भी अदालत हो या पुलिस की शरण नहीं ले पाते पैसा उधार लेने वाले व्यक्ति पर खाली स्टांप पर उसके हस्ताक्षर करने का दाबाव बनाया जाता है और मजबूरी में वह ऐसा कर भी देता है स्टांप को खाली चेक पर सूदखोर कर्जदार को हमेशा ब्लैकमेल करते रहता है चक्रवृद्धि ब्याज वसूलते रहता है दबाव बनाए रखने के लिए सूदखोर जेवरात, जमीन, जायदाद के सभी दस्तावेज भी अपने ले लेता है साथ ही कर्जदारों से एडवांस चेक भी ले लेता है

शासकीय एवं कालरी सेवा में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी भी है फसते हैं चक्कर में

जिले में हजारों लोग सुदखोर के जाल में फंसते जा रहे हैं इनमें ज्यादातर नौकरी पेशा वाले लोग सूदखोर के शिकार हैं क्योंकि इनमें पैसे वसूलने की गारंटी होती है आर्थिक मजबूती जुआ शराब की लत लोगों को सुदखोरी के दलदल में फंस रहे है

ऐसे बनाते हैं जुगाड़ हैं

नशे के आदि या आर्थिक परेशानी लोगों के घर चलाने या जज्बातों के लिए सुदखोरो के पास उधार मांगने जाते हैं कई लोग सूदखोरों का कर्ज चुकाने को दूसरे सुदखोरो से पैसा लेकर लेते हैं इनमें से ज्यादा तर ऐसे भी हैं जो बैंक ,किओस्क, वैधानिक संस्थाओं में भी कर्ज ले चुके हैं होते हैं