जीविका समूह से पीएमओ तक का सफर……रूपा देवी ने कुछ इस तरह साझा किया अपना अनुभव

रूपा देवी श्रीगणेश जीविका स्वयं सहायता समूह की है सदस्य

पलासी/डा. रूद्र किंकर वर्मा।

ये हैं अररिया जिले के पलासी प्रखंड के चहटपुर की रहने वाली रूपा देवी। रूपा देवी जीविका के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं और कृषि उद्यमी के रूप में कार्य कर रही हैं। आजकल इलाके में इनकी बहुत चर्चा है। कारण है प्रधानमंत्री कार्यालय से दीदी को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर होने वाले कार्यक्रम में विशेष मेहमान के तौर पर शिरकत करने का बुलावा आना। जी हां, आपने बिल्कुल सही समझा। जिस कार्यक्रम में बड़े-बड़े अधिकारी और नेता बुलावा आने का ख्वाब देखते हैं। वहां से जीविका की रूपा देवी को बुलावा आया। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए हवाई जहाज से आने-जाने से लेकर ठहरने तक का मुकम्मल इंतजाम भी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किया गया। ऐसे में चर्चा होना तो लाजमी ही है।
दरअसल, रूपा देवी श्रीगणेश जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं। यह समूह पलासी जीविका महिला ग्राम संगठन के अन्तर्गत आता है। यह ग्राम संगठन आदर्श जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ से संबद्ध है। रूपा देवी कृषि उद्यमी के रूप में काम करती हैं। पति के गुजर जाने के बाद इनके लिए परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो गया था। ऐसे में जीवन के इस विपरीत काल में जीविका से इन्हें काफी मदद मिली। दीदी का कहना है कि जीविका ने जीने की आस जगाई और राह दिखाई। कृषि उद्यमी के रूप में चयन होने के बाद इनकी जिंदगी में बहुत ही सकारात्मक बदलाव आया। इस काम में इनका लड़का शीतल भी इनकी मदद करता है। जिसकी वजह से दीदी अपने व्यवसाय को ठीक ढंग से चला पा रही हैं। कृषि उद्यमी के अन्तर्गत जीविका दीदियों को कृषि कार्यों से संबंधित खाद, बीज और दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया कराई जाती हैं।
रूपा दीदी की लगनशीलता और कड़ी मेहनत की बदौलत इन्होंने अपने इस व्यवसाय को काफी आगे बढ़ाया। जिसके कारण दीदी का नाम लखटकिया दीदियों की श्रेणी में आया। साथ ही अररिया जिले का पलासी प्रखंड आकांक्षी प्रखंड के अन्तर्गत आता है। जिसकी वजह से इस प्रखंड से एक वैसी दीदी का नाम मांगा गया जिसने कठिन मेहनत से विकास की नई इबारत लिखी हो। ऐसे में जीविका जिला परियोजना प्रबंधक नवीन कुमार के निर्देश पर पलासी के प्रखंड परियोजना प्रबंधक शब्बीर अनवर ने रूपा देवी का नाम जिला प्रशासन को प्रेषित किया। जिसके बाद जिला प्रशासन की मदद से उन्हें हवाई जहाज से दिल्ली भेजवाया गया। उनके साथ उनका पुत्र शीतल भी दिल्ली गया। जहां ठहरने और दूसरी चीजों का ख्याल नीति आयोग की टीम ने रखा। रूपा देवी का कहना है कि नीति आयोग की टीम ने रहने, खाने और घुमाने का बेहतर प्रबंध किया था। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के जैसे उन्हें सम्मान मिला। जिससे वो बेहद खुश हैं। फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किला ले जाया गया। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को लाल किला पर झंडा फहराते देखा। उन्हें करीब से देखने का उनसे मिलने का अवसर भी प्राप्त हुआ। रूपा दीदी कहती हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब वो इतने सम्मान के साथ बुलाई जाएंगी और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगी। लेकिन, यह सब जीविका से जुड़ने के बाद ही संभव हो सका। इसके लिए वो जीविका की पूरी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हैं।