भूमि सर्वेक्षण के लिए खतियान की अनिवार्यता समाप्त

खाता तथा प्लॉट नम्बर के साथ होगी आवेदन

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ बिहार सरकार ने जमीन सर्वे में आम लोगों को नई सहूलियत दी है। अब लोगों को जमीन के खतियान के कागजात देना जरूरी नहीं है। केवल खाता और प्लॉट नंबर के साथ सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह गैर मजरुआ जमीन का सर्वे सरकार के नाम पर होगा। लेकिन दखल-कब्जा वाले लोगों को वर्तमान समय में बेदखल नहीं किया जाएगा।
सर्वे अधिकारियों के मुताबिक सर्वे के दौरान जमीन का नक्शा और दस्तावेज बनाना है। किसी को बेदखल नहीं करना है। जिसके नाम पर जमीन है उसका केवल साक्ष्य होना चाहिए। इसमें रसीद, खतियान आदि शामिल हैं। सरकारी जमीन की जानकारी अंचलाधिकारी के द्वारा दी जाती है। ऐसी जमीनों का सर्वे सरकार के नाम पर किया जाएगा। राज्य के विभिन्न इलाकों में गैरमजरूआ आम, गैर मजरुआ मालिक, कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, भू-दान, भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा की भूमि, बंदोबस्ती पर्चा की भूमि, वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की भूमि का सर्वे सरकार के नाम पर होगा। इन जमीनों की जानकारी अंचलाधिकारियों से सर्वे कार्यालय के द्वारा मांगी गई है ताकि, कोई कब्जाधारी व्यक्ति सरकारी जमीन का सर्वे गलत दस्तावेज देकर अपने नाम पर नहीं करा सके। राज्यभर के जिला मुख्यालयों के अभिलेख कार्यालयों में दस्तावेज निकालने के लिए आवेदनों की संख्या ढाई गुना तक बढ़ी है। यह स्थिति पिछले छह महीने से चल रही है। सामान्य तौर पर जिला मुख्यालय स्थित निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार और जिला रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज निकालने के लिए औसतन 100 से 120 आवेदन हर दिन आ रहे हैं। हर दिन पेंडिंग की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक 20 प्रतिशत आवेदन दस्तावेज का कागज फटे होने या खोज नहीं पाने के कारण आवेदनों को रिजेक्ट करना पड़ रहा है। पटना जिले में अब तक 2.41 लाख लोगों ने जमीन सर्वे के लिए आवेदन दिया है। इसमें करीब 1.19 लाख ऑनलाइन और 1.22 लाख ऑफलाइन आवेदन आया है। ऑफलाइन आने वाले आवेदनों को बंदोबस्त कर्मियों के माध्यम से ऑनलाइन भरा जा रहा है। वहीं राज्य में अब तक 47 लाख परिवार ने खुद ही जमीन के कागज सर्वे के लिए विभाग को उपलब्ध कराए हैं।

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