*कुंआ में गिरे मृत हाथी को शनिवार को पोस्टमार्टम कर दफन किया गया*



शुक्रवार की रात मृत हाथी के 18 साथियों ने आंडा गांव में जमकर मचाया उत्पात

शशि भूषण महतो, दैनिक समाज जागरण, अनुमंडल संवाददाता(चांडिल)

चांडिल : नीमडीह प्रखंड के आंडा गांव में कुंआ में गिरकर मरने वाले जंगली हाथी का शनिवार को पोस्टमार्टम कराया गया. इसको लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी सरायकेला आदित्य नारायण, चांडिल के वन क्षेत्र पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा, सभी फारेस्टर व वन कर्मी शनिवार को सुबह ही आंडा गांव पहुंच गए है. हाथी के शव का पोस्टमार्टम नीमडीह के प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सक डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने दल के साथ किया. बताया गया कि पोस्टमार्टम में हाथी के रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगा था. इसके साथ ही पीछे के दोनों पैर में भी चोट लगा था. हाथी के मरने के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इसका सैंपल फारेंसिक विभाग, रांची भेजा जाएगा. इसके लिए बिसरा सुरक्षित रखा गया है. इसके पूर्व लोगों ने मृत हाथी का विधिवत पूजा-अर्चना किया गया. हाथी के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाया. विदित हो कि बुधवार की रात नीमडीह प्रखंड के आंडा गांव में झुंड का एक हाथी सूखे कुंआ में गिर गया था. हाथी को बाहर निकालने के लिए गुरुवार सुबह से ही वन विभाग जुगत में लग गया था. शुक्रवार को दोपहर हाथी को बाहर निकालने के दौरान करीब 40 घंटे के बाद हाथी की मृत्यु हो गई थी. स्थानीय लोगों से इसे वन विभाग की लापरवाही बताया था. पोस्टमार्टम के बाद हाथी को उसी स्थान पर दफना दिया गया.
नीमडीह प्रखंड के आंडा गांव में सूखे कुंआ में गिरने पर मरने वाले हाथी से मिलने शुक्रवार की रात उसके झुंड के साथी हाथी पहुंचे. झुंड में 18 हाथी शामिल थे. कुंआ के पास रखे हाथी के शव के करीब पहुंचकर झुंड के हाथी देर तक चिंघाड़ते रहे. वन विभाग ने ग्रामीणों को पहले ही सतर्क कर दिया था कि हो सकता है झुंड के अन्य हाथी वापस अपने साथी से मिलने पहुंचे. इसको लेकर ग्रामीण पहले से ही सतर्क थे. काफी देर तक चिंघाड़ने के बाद झुंड के हाथी वापस लौट गए. कुंआ में गिरकर हाथी के मरने के बाद से ही ग्रामीण भयभीत हैं कि घटना से गुस्साए जंगली हाथियों का झुंड गांव में हमला ना कर दे. हाथी के मरने के बाद से ही ग्रामीण दहशत में हैं. आंडा गांव में जंगली हाथियों का झुंड किसी व्यक्ति या मकान को तो नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन खेतों में लगी फसल और खलिहान में रखे धान को अपना आहार बनाया. हाथियों के झुंड ने आंडा के वीरेंद्र नाथ महतो, ईश्वर चंद्र महतो, बिरंची महतो, आदित्य महतो, गुरूचरण महतो, आमिन महतो समेत अन्य करीब एक दर्जन किसानों के खलिहान में रखे धान, खेत में लगाए गए आलू, पत्तागोभी आदि को अपना निवाला बनाया. हाथियों के झुंड ने फसल को रौंदकर नष्ट भी कर दिया. जंगली हाथियों का झुंड आसपास के क्षेत्र में अपना डेरा जमा लिया है. ग्रामीणों को अंदेशा है कि जंगली हाथियों का झुंड अपने बिछड़े साथी से मिलने फिर से गांव ओर रूख करेंगे.