क्या औरंगाबाद की धरती पर कमजोर लोगों को पत्रकारिता करने का अधिकार नहीं है*?

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*क्या बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के धरती पर थाना का दलाल, दौलत वाले एवं ताकतवर व्यक्ति ही रह पाएंगे* ?

*पत्रकार एवं इनके परिवारों के बीच औरंंगाबाद पुलिस एव पुलिस संरक्षित गुंडों की आतंक रुकने का नहीं ले रहा है नाम*।

*तीन डकैती के पश्चात पुनः हुए 29 सितंबर 2022 को जानलेवा हमला, अपराधियों की ओर से पुलिस वाले पत्रकारों पर बना रहे हैं अनैतिक दबाव*।

संवाददाता अनील कुमार मिश्र

29 सितंबर 2022:- पुलिस के संरक्षण में पत्रकार एवं इनके परिवार के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं घरों में लगातार डकैती ,मारपीट ,महिला के साथ छेड़खानी, लूटपाट एवं चौथेवार परिवार के मुख्य सदस्य पर जानलेवा हमला करना, प्रतिष्ठान के मुख्य सदस्य सरेआम फाड़ देना फिर भी अपराधकर्मियो के संमक्ष पुलिस को घुटने टेके रहना और बचाव में पीडि़त परिवार पर अनैतिक दबाव बनाना , इतनी सारी पदार्थों एवं घटनाओं के बाद पुलिस पुलिस पक्ष द्वारा पीड़ितों को यह कहना कि पुलिस की बात नहीं मानोगे तो दोनों पक्ष भेजे जायेगे जेल, क्या संकेत देते है।

बिहार राज्य के औरंंगाबाद. जिले के नगर थाना के संरक्षण में असामाजिक तत्वों द्वारा पत्रकार एवं इनके परिजनों की संभावित हत्या ,.इनके घरों में तीन बार डकैती की घटित घटना में नगर थाना औरंंगाबाद में प्राथमिकी का दर्ज नहीं होना और आज चौथे बार परिवार के ऊपर जानलेवा हमला की घटित घटनाओं में दोषियों पर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जाना, प्राथमिकी दर्ज करने हेतु न्यायालय द्वारा नगर थाना को प्राप्त आदेश की अवहेलना,क्या स्पष्ट नहीं करता है कि नगर थाना औरंंगाबाद के थानाध्यक्ष एवं संबंधित दारोगा तथा इनके अनैतिक कार्यो के संरक्षक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर अनुमंडल के संरक्षण में सारी बरदातें एवं अपराधिक घटनाओं का अंजाम दिया गया है। ।
आप सभी लोगों से आग्रह है कि थाने के संरक्षण में पत्रकारों, समाजसेवियों एवं जनता के यहां घटित अपराधी घटना व डकैती तथा मारपीट की घटित घटनाओं को इतना शेयर करें की मामला सरकार एवं पुलिस विभाग के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के कानों तक पहुंच सके और रिश्वत की बदौलत अपराधी को बचाव करने वाले थानाध्यक्ष के रूह काप जायें। उनकी वर्दी चली जाए और इनके भी बाल बच्चे पत्नी सड़क पर गरीबों की तरह दिखाई दें । दौलत के चाहत में अंधे हो चुके थानेदार एवं इनके नए किती कार्यों के संरक्षक वरीय पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध जब तक जनता की आंदोलन तेज नहीं होगा तब तक एक-एक कर्मचारी लुटे जाएंगे और लुटेरे दौलत की बदौलत हम सभी गरीबों को सोशल वर्कर / सामाजिक कार्यकर्ता को दमन करते रहेंगे।
महाशय
आप सभी से पुन:आग्रह है कि राज्य हित देशहित जनहित तथा पत्रकारों के हित में इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री एवं डीजीपी बिहार को अनेकों पत्र लिखने का कष्ट करें और मामले की जांच कर, रिश्वतखोर अधिकारियों तथा उनके अधिकारों के संरक्षण अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग करें तभी आम आवाम की भलाई संभव है ।