अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज का आदेश निंदनीय— राकेश शरण मिश्र

(संयुक्त अधिवक्ता महासंघ ने गाजियाबाद में जिला जज द्वारा अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज की घटना को कानून पर हमला बताया)

(दोषी जिला जज के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग)

सोनभद्र। गाजियाबाद में जिला जज अनिल कुमार के आदेश पर मुकदमे की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा अधिकताओं पर लाठी चार्ज की घटना की संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश में घोर निंदा की है । महासंघ के प्रदेश राकेश शरण मिश्र ने लाठी चार्ज की घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चतम न्यायालय एवम उच्च न्यायालय से दोषी जिला जज पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। श्री मिश्र ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जब कानून का रक्षक ही भक्षक बन जाए तो ऐसे में संविधान और कानून की रक्षा कैसे हो सकती हैं।श्री मिश्र ने लाठी चार्ज की घटना को बहुत ही दुखद घटना और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । उन्होने बताया है कि गाजियाबाद के जिला जज अनिल कुमार ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान क्रोधित होकर पुलिस को अधिकताओं पर लाठी चार्ज का आदेश दिया जिसके कारण दर्जनों वरिष्ठ और युवा अधिवक्ताओं को गंभीर चोटे आई है। किसी अधिवक्ता का सर फूटा है तो किसी के हाथ पैर में चोट आई है जो बहुत ही पीड़ादायक है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्रा ने कहा है की अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज करना कानून और संविधान पर हमला करने के बराबर है और एक न्यायिक अधिकारी जब खुद इस तरह की घटना को कारीत करने का आदेश देगा होगा तो ऐसे में कानून की रक्षा कैसे हो सकती है इसलिए इस घटना में संलिप्त और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले जिला जज अनिल कुमार के विरुद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय सहित बर काउंसिल आफ इंडिया और बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को घटना का संज्ञान लेकर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त अधिवक्ता महासंघ इस घटना की कड़ी निंदा करता है और घटना में घायल अधिकताओं के समुचित इलाज की मांग उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से करता है और यदि दोषी जिला जज के विरुद्ध जल्द से जल्द दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश भर के अधिवक्ताओं को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।

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