बांका बिहार: लोक आस्था का महापर्व उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ सम्पन्न*

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दैनिक समाज जागरण
ब्यूरो चीफ उमाकांत साह

बाँका:- जिला मुख्यालय स्थित ओढ़णी नदी स्थित तारा मंदिर घाट, विजयनगर और दौदा घाट के अलावे चांदन नदी के भयहरण स्थान घाट सहित मजलिसपुर, भगवानपुर, विशनपुर घाट के अलावे जिले के अन्य घाटों पर भी पर्वतियों सहित युवक-युवतियों की काफी भीड़ देखी गई। भीड़ हो भी क्यों नहीं-उधर वैश्विक बीमारी कोराना ने लोगों को इतना रुलाया कि आम जनमानस घर से निकलने में परहेज करते थे। छठ पर्व को लेकर सभी छठ घाटों पर बाँका नगर परिषद के जुझारू सभापति संतोष कुमार सिंह ने प्रशासन के देखरेख में काफी सुंदर से साफ-सफाई कराया, वहीं माँ तारा मंदिर समिति अध्यक्ष रामकिशोर यादव ने समाज के सहयोग से डी एम चौक से लेकर नदी तट को रंग-विरंगे रौशनी और झालरों से चकाचौंध कर दिया था। ताकि पर्वतनियों सहित आम लोगों को आने-जाने में कोई कष्ट न हो। नदी तट पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया था, जहाँ मंदिर समिति के सदस्य और प्रशासन के लोग चौकसी कर रहे थे। तथा वाध्य यंत्रों से युवाओं से पटाखे नहीं छोड़ने का निर्देश दे रहे थे। शहर के चौक-चौराहे तथा सड़कों पर भी प्रशासनिक व्यव्स्था चाक-चौबंद देखी गई। नदी तट से लेकर शहर के गली-मोहल्लों में बज रहे छठ मैया के रसभरे पारंपरिक लोक गीतों ने चहुंओर धार्मिक वातावरण बना दिया था। और लोग उसमे डुबकी लगाने को विवश थे।
वहीं रविवार संध्या अर्घ्य अस्ताचल सूर्य को अर्पण किए थे। और सोमवार 31 अक्टूबर को उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया गया। इस से पता चलता है कि भारतीय संस्कृति कितना उत्कृष्ट है। यहाँ बाघ और बकरी एक ही घाट पर पानी पीते हैं । भारतीय संस्कृति पूरी दुनियाँ को उस आइने का दर्शन कराती है कि यहाँ जिस प्रकार उगते सूर्य को पूजा जाता उसी प्रकार हम डुवते सूर्य की भी पूजा करते हैं।