प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कूड़े में फेंकी दवाएं, ग्रामीण बोले-डॉक्टर यहां आते ही नहीं

आगरा। पिनाहट के सेहा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कूड़े के ढेर में दवाएं फेंकी मिलीं। गांव वालों ने सुबह देखा तो कूड़े के ढेर में सील पैक दवाओं के डिब्बे पड़े थे। गांव वालों का कहना है कि पिछले एक महीने से केंद्र का ताला तक नहीं खुला है। डॉक्टर यहां आते नहीं हैं। केंद्र की स्थिति भी बहुत खराब है। सेहा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शुक्रवार सुबह ग्रामीण घरों से बाहर खेतों की तरफ जा रहे थे। रास्ते में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कूड़े में दवाओं का जखीरा दिखा। एक्सपायर होने से पहले ही सील पैक दवाओं के डिब्बे कूड़े के ढेर में फेंके हुए थे। गांव वालों का कहना है कि पिछले एक महीने से केंद्र का ताला नहीं खुला है। एक महीने से स्टाफ नहीं आया है। केंद्र पर डॉक्टर पहुंचते ही नहीं हैं। जबकि इस केंद्र पर आस पास के लगभग 10 गांवों के मरीज पहुंचते हैं। जैसे ही दवाएं कूड़े के ढेर में मिलने की बात फैली, गांव वाले इकट्ठा हो गए। केंद्र के बाहर नारेबाजी की। हंगामा किया।

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि इस केंद्र की स्थापना डेढ़ साल पहले ही हुई है। यहां अभी किसी की पोस्टिंग नहीं की गई है। पहले भी पिनाहट क्षेत्र में दवाएं मिली थीं। इस बार ऐसी ही जानकारी संज्ञान में आई है। जांच कराई जा रही है कि दवाएं वहां तक कैसे पहुंची। गांव वालों का कहना है कि केंद्र परिसर के अंदर गंदगी बहुत ज्यादा है। खिड़की के पल्ले टूटे हुए हैं। दरवाजे नहीं हैं। पेयजल व्यवस्था नहीं है। बाउंड्री वॉल तक टूटी हुई है। गांव वालों का केंद्र से इलाज नहीं मिल पाता है। कई-कई दिन केंद्र बंद रहता है। डॉक्टर तो आते ही नहीं हैं, स्टाफ भी बहुत कम आता है।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट