नई शिक्षा नीति पर वसंत महिला महाविद्यालय में आयोजित हुई दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी

नई शिक्षा नीति से बढ़ेगा अनुसंधान और नवाचार- प्रो. मूर्ति

समाज जागरण वाराणसी

वाराणसी। नई शिक्षा नीति का प्रमुख लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाना है। यह नीति एक अंतः विषय महाविद्यालयी शिक्षा प्रदान करती है।
जिसमें लचीली अध्ययन योजनाएं शामिल हैं। एनईपी का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 50 फीसदी तक पहुंचाना है। ये बातें कर्नाटक के कलबुर्गी स्थित एसएसएसपूएचई के कुलपति प्रो. श्रीकांत मूर्ति ने कहीं। प्रो. मूर्ति ने राजघाट स्थित वसंत महिला महाविद्यालय में आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
वसंत महिला महाविद्यालय में संगोष्ठी का उद्घाटन एसएसएसयूएचई, कलबुर्गी (कर्नाटक) के कुलपति प्रो. श्रीकांत मूर्ति, विशिष्ट अतिथि प्रो. लता पिल्लई तथा मुख्य वक्ता बीएचयू शिक्षा संकाय की प्रमुख प्रो. अंजलि वाजपेयी और महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अलका सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. मूर्ति ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 21वीं सदी की परिवर्तनकारी शिक्षण पद्धति’ विषयक संगोष्ठी भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा लक्ष्य सौ फीसदी युवाओं और वयस्कों प्रायोजित व महाविद्यालय के शिक्षा को उच्च शिक्षा से जोड़ना है। शिक्षा संकाय (बीएचयू) प्रमुख प्रो. अंजलि वाजपेयी ने कहा कि उच्चतर शिक्षा मुख्य उद्देश्य युवाओं को समाज और विशिष्ट अतिथि नैक की पूर्व सलाहकार प्रो. लता ने कहा कि देश की समस्याओं का समाधाम शिक्षा के प्रति जागरूक होकर किया जा सकता है। संगोष्ठी का संयोजक प्रो. डॉ. मीनाक्षी विश्वाल ने किया। वहीं उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. प्रीति सिंह व धन्यवाद प्रो. अर्चना तिवारी ने किया। अकादमिक सत्र में पुणे के प्रो. पीयूष पहाडे, दिल्ली के शिरीप पाल सिंह डॉ. नीति दत्ता ने विचार व्यक्त किए।
संचालन डॉ. योगिता बेरी ने कियी। संगोष्ठी में चार समानांतर तकनीकी सत्रों का आयोजन भी हुआ। संगोष्ठी में मुख्य रूप से डॉ. मीनाक्षी बिस्वाल और डा. अंजना सिंह सहित महाविद्यालय के अंदर प्रोफेसर रोड शिक्षक मौजूद थें।