किसानों के फसल को निगल रहे नीलगाय

छुट्टा पशुओं का भी बढ़ा है आतंक

प्रशासन को नहीं है किसानों की चिंता

समाज जागरण रंजीत तिवारी
रामेश्वर (वाराणसी)
अब क्षेत्र में नीलगायों का आतंक बढ़ गया। इनके आतंक से किसान के फसलों को काफी नुकसान हो रहा हैं। खेत में लगी फसलों को चरने से अधिक रौंदने से नुकसान पहुंच रहा हैं, किसानों की लागत और कड़ी मेहनत पर पानी फिर रहा हैं। रामेश्वर, बरेमा, जग्गापट्टी, खेवली, हरिहरपुर, जंसा,चौखंडी, गोसाईपुर, भटौली सहित विभिन्न गांवों में गेंहू, सरसों, आलू व मटर के खेत में लगी फसलें नीलगायों की भेंट चढ़ रहीं हैं।दिन हो या रात कभी भी किसी भी समय बीस से तीस की संख्या में नील गाय झुंड बनाकर खेत में पहुंच जातीं हैं। कुछ बैठ जाती है, तो कुछ इधर उधर दौड़-भाग करतीं हैं, जिससे फसल उखड़ जा रहीं हैं।परेशान किसान ठंड की रात में रतजगा कर खेतों की रखवाली करने पर मजबूर है। किसान आदित्य तिवारी,कल्लू सिंह,मंगला सिंह,कौशल पटेल, फूलज़ार,सूर्यबली यादव ने प्रशासन से इनसे छुटकारा दिलाने मांग की है।

नील गाय को भागने में सतरंगी लाइटों का प्रयोग
किसानों ने बताया कि पहले गांव के किसान खेतों में एलईडी बल्ब लगाते थे। जितनी दूरी तक बल्ब से उजाला फैलती थी, उतनी दूर में नीलगाय नहीं आती थीं। बाद में कुछ किसान खेतों के बीच में सतरंगी लरियां लगाने लगे। उससे खेत के बीच में नीलगाय नहीं जाती थीं। उन्होंने सोचा कि क्यों नहीं खेत के चारों तरफ पगडंडियों के किनारे-किनारे रंग-बिरंगी लाइट लगायी जाय। ऐसा करने पर कमाल यह कि हुआ कि नीलगाय से खेत में लगी पूरी फसल की सुरक्षा होने लगी। यही तरीका अब बाकी किसान भी अपना रहे हैं।

तार के जाल तोड़कर खेत में घुसते हैं नीलगाय

किसानों ने बताया कि एक साथ 10 से 12 की संख्या में नीलगाय खेतों में घुसकर उस खेत की फसल को बर्बाद कर रहे है। नीलगायों ने खेत को अपना खेल का मैदान बना लिया है। खेतों मे दौड़ कर फसल बर्बाद करते है। इसके बचाव के लिए हम किसान अपने खेतों के चारों तरफ तार के जाल की घेराबंदी किए हैं, लेकिन नीलगायों का झुंड उसे तोड़कर खेत के अंदर घुस जाता है और फसल को बर्बाद कर देता है। अब ये नीलगायो का आतंक और भी चिंता बढ़ा दिया है।