नोएडा प्राधिकरण के सुस्ती से वेंडर परेशान, 5 साल में सिर्फ 4 हजार 382 लाइसेंस जारी : अपर्णा शर्मा

नोएडा भले ही एक स्मार्ट सिटी है लेकिन नोएडा प्राधिकरण के ढुलमूल रवैया और सुस्ती के कारण नोएडा में कार्यरत वेंडर परेशान है। जहाँ एक तरफ उनको कार्य करने के लिए लाइसेंस देरी दी जाती है वही दूसरी तरफ जिनकों लाइसेंस दिया भी गया है उनके लिए वेंडिंग जोन की उचित व्यवस्था नही है। प्राधिकरण ने कागजों में भले ही 98 वेंडिंग जोन है लेकिन हकीकत में यह है कहाँ है ? जहाँ है भी तो उचित व्यवस्था नही होने के कारण या फिर व्यवसाय के अनुकुल स्थान नही होने के कारण वहाँ वेंडर व्यवसाय करने में दिलचस्पी नही ले रहे है।

इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव व टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य अपर्णा शर्मा ने जो आकड़े समाज जागरण को दिए है हैरान करने वाली है। अपर्णा शर्मा बताती है कि अकेले कानपुर में 74 हजार 733 वेंडर को अभी तक लाइसेंस दिए गए है जबकि 133 वेंडिंग जोन स्थापित किए गए है। वह लोग अपना कार्य कर रहे है। लेकिन नोएडा स्मार्ट सिटी के प्राधिकरण ने अभी तक सिर्फ 4 हजार 382 के वेंडर को लाइसेंस दिया है उनके लिए उचित वेंडिंग जोन की व्यवस्था करने में प्राधिकरण असफल रही है। जिनकों लाइसेंस दिए भी गए है उनकों भी आये दिन प्राधिकरण के सर्किल आफिसर, जेई ,और सुपरवाइजर के द्वारा परेशान किया जाता है।

आखिर नोएडा प्राधिकरण कानपुर नगर निगम से इतना पीछे क्यों है ?

इस सवाल के जबाब में अपर्णा शर्मा बताती है कि यहाँ पर एक तो प्राधिकरण के इच्छा शक्ति कमजोर है दूसरे में वेंडिंग माफिया हावी है। तीसरे में इनके ऊपर राजनीतिक दबाब भी होते होंगे। हमे लगता है कि यही कारण है कि नोएडा कानपुर नगर निगम से इतना पीछे है। बल्कि कानपुर में पथ विक्रेताओं को वर्गीकृत भी किया जा रहा है, फल वाले अलग, सब्जी वाले अलग और खाने पीने सामान बेचने वाले वेंडर के लिए अलग अलग व्यवस्था किया जा रहा है। कानपुर की जो जानकारी दी गई है उसके लिए आई0जी0आर0एस संख्या 40016422004719 से संदर्भ लिया गया है।