नोएडा: पुलिस और प्राधिकरण ही संरक्षण दे रही है रेहड़ी पटरी माफिया को, गरीब वेंडर उजाड़े जा रहे है

नोएडा समाज जागरण डेस्क

नोएडा अतिक्रमण के लिए सबसे उपयुक्त श्रेणी मे है ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नही होगा। एक तरफ जहाँ योगी सरकार जीरो टालरेंस की बात करती है वही दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण मे फैले भ्रष्टाचार को लेकर चुप्पी साध लेती है जिसको लेकर देश के सर्वोच्य न्यायालय तक सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण के सिर्फ चेहरे से नही बल्कि आंख कान और नाक से भी भ्रष्टाचार टपक रही है। इसके बावजूद प्रदेश के बुल्डोजर बाबा ने चुप्पी साध रखा है। यही कारण है कि एक तरफ जहाँ पहले की अतिक्रमण हटाने मे नोएडा प्राधिकरण नाकाम रही है वही दूसरी तरफ दिन दूनी रात चौगुनी के हिसाब से नोएडा मे अतिक्रमण बढता ही जा रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो स्मार्ट सिटी नोएडा अगले 10-15 साल मे पुरानी दिल्ली को पीछे छोड़ सकती है।

उत्तर प्रदेश रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम किशोर गुप्ता के द्वारा नोएडा वर्क सर्किल 4 को लिखे पत्र मे एक बड़ा आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि जब आप वेंडर से पैसे मांगते है सुविधा शुल्क के लिए, जिनको लाइसेंस दिया गया तो आपको यह भी सोचना चाहिए कि उनके आस पास मे आपके प्राधिकरण के सुपरवाइजर और फोर्थ क्लास के कर्मचारी के मिलीभगत और पुलिस के सांठ गांठ से 2500 से ज्यादा अवैध वेंडर भी उसी केे आस-पास मे कार्य कर रहे है वो लोग न तो प्राधिकरण को पैसे देते है और नही तो उनको प्राधिकरण के द्वारा हटाये जाते है। फिर आप लोग किस आधार पर वेंडर को कहते है कि शुल्क जमा करो।

श्री गुप्ता ने कहा है कि जिनको आपने लाइसेंस दिया है उनको अगर उजाड़ना हो तो पूरे सरकारी अमला जुट जाती, लेकिन वेंडर के शिकायत पर न तो प्राधिकरण को मशीनरी मिलती है न तो पुलिस। बहाने बना दिए जाते है । पुलिस कहती है ट्रैफिक जाम होगा तो हम हटायेंगे लेकिन बीच सड़क पर ही प्राधिकरण वाले दुकान लगवा देते है और पुलिस भी कुछ नही करती है। यहाँ परेशान सिर्फ उस वेंडर को किया जाता है जो नियम के अनुसार काम करते है।