नोएडा प्राधिकरण की हठधर्मिता-भ्रष्टाचार बड़ी वजह, सेक्टर-9 के व्यापारी सड़क पर

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उत्तर प्रदेश को देश और विदेश में पहचान बनाने वाले नोएडा सेक्टर 9 के व्यापारियों पर नोएडा प्राधिकरण अपनी हठधर्मिता के चलते व्यापारियों की फैक्ट्रियों का आवंटन निरस्त कर फैक्ट्रियों को सील करने पर आमादा है। पिछले 40 वर्षों से उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा रेवेन्यू पहुंचाने वाला सेक्टर-9 नोएडा का यह मार्केट आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्राधिकरण से जद्दोजहद कर रहा है। आपको बता दें कि पिछले 40 वर्षों से सेक्टर- 9 के व्यापारी अपने सेक्टर को कमर्शियल घोषित करने के लिए प्राधिकरण से मांग कर रहे हैं। लेकिन नोएडा प्राधिकरण के पूर्व और वर्तमान सीईओ और ओएसडी इंडस्ट्री व्यापारियों की इस महत्वपूर्ण मांग को नजरअंदाज करते आए हैं। ना तो उन्होंने औद्योगिक नोएडा शहर के विकास के लिए कोई योगदान दिया और ना ही उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाले सेक्टर-9 की तरफ ध्यान दिया।
इतना ही नहीं सेक्टर- 9 की मार्केट में अपनी फैक्ट्री और व्यापारिक काम करने वाले व्यापारियों की वजह से ही नोएडा शहर अस्तित्व में आया है। यहां तमाम तरह का रॉ-मेटेरियल या फिर औद्योगिक क्षेत्र की जरूरत के लिए मशीनरी पार्ट्स बनाए भी जाते हैं और यहां से सप्लाई भी किए जाते हैं। सेक्टर- 9 में केवल नोएडा शहर के लोग ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के लोग भी यहां आकर कच्चा माल व यहां की फैक्ट्रियों में तैयार माल एक्सपोर्ट करते हैं। जिसकी वजह से नोएडा का महत्व सेक्टर- 9 प्रदेश को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देता है जिसका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और शासन-प्रशासन को चलाने में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि, यूपी समेत नोएडा शहर को इतना सब कुछ देने वाले सेक्टर- 9 में नोएडा प्राधिकरण की मनमानी के चलते बिना सुनवाई के ही फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत की वजह से आज यहां के व्यापारी अपने अस्तित्व की को बचाने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं।
नोएडा एसोसिएशन सेक्टर-9 के अध्यक्ष राजीव गोयल ने कहा कि, सेक्टर-9 के व्यापारी पिछले 40 वर्षों से नोएडा प्राधिकरण से इस सेक्टर को कमर्शियल घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन लालच और व्यापारियों को डरा कर उनसे उगाही करने वाले कुछ अराजक तत्व इस समस्या का हल नहीं होने दे रहे। उन्होंने यह भी कहा कि, नोएडा प्राधिकरण ने 17 फैक्ट्रियों पर नोटिस चस्पा किया है जिनमें से 6 भूखंडों का आवंटन रद्द किया गया है। वह एक सोची समझी साजिश है। क्योंकि कुछ चुनिंदा व्यापारियों की फैक्ट्रियों का आवंटन रद्द कर अन्य व्यापारियों को डराया जा रहा है कि, वे अपनी फैक्ट्री को बचाने के लिए अधिकारियों की मुट्ठी गर्म करना शुरू कर दें। सीलिंग की प्रक्रिया जैसे ही शुरू हुई वैसे ही नोएडा प्राधिकरण में दलाली करने वाले कुछ दलाल सिपाही सक्रिय हो गए। नोएडा प्राधिकरण के इन दलाल सिपाहियों ने अन्य 11 व्यापारी जिनकी फैक्ट्रियों पर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस चस्पा किया है उनसे सीलिंग रोकने के लिए मोलभाव करना शुरू कर दिया है।
नोएडा एसोसिएशन सेक्टर-9 के अध्यक्ष राजीव गोयल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि, वह अपने दिए गए आदेशों पर अमल करते हुए नोएडा प्राधिकरण को यह आदेश दें कि, शहर को बसाने वाले सेक्टर- 9 के व्यापारियों की इस परेशानी का जल्द से जल्द निस्तारण हो। जिससे की उनके आदेशों को पलीता लगाने वाले अधिकारी और दलालों पर लगाम कसी जा सके। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री जी के आदेशों को नजरअंदाज कर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले ओएसडी इंडस्ट्री का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि, ओएसडी इंडस्ट्री का ट्रांसफर 1 साल पहले ही हो गया था। और उन्हें 6 महीने का ही अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था फिर उसके बाद उनको हटाया जाना था , और विगत दिनों में देखा गया था कि ओएसडी इंडस्ट्री ग्रामीण लोगों की समस्याओं का भी समाधान नहीं करवा पाए थे ,लेकिन भ्रष्टाचार के चलते उनका तबादला रोक दिया गया जो आज नोएडा सेक्टर-9 के व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।