स्नूकर की आड़ में अवैध हुक्का बार का संचालन ….प्रशासन मौन

स्नूकर की लत में फंसा कर नव युवकों से ऐठी जा रही मोटी रकम

स्नूकर की आड़ में बरसों से संचालित है अवैध हुक्का बार पुलिस नहीं कर रही कार्यवाही

प्रिंस से अमित-यश ने की मारपीट, मामला दर्ज
फोटो क्रमांक – 01,02,03
शहडोल। कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत प्रिंस सैनी पिता राकेश सैनी उम्र 16 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 18 घरौला मोहल्ला का अपने पिता एवं दोस्त इशू दुबे, कृष्णा सैनी रिपोर्ट लिखाई कि अमित वासवानी उर्फ गोल्डी के घर में द्वितीय तल पर इस्नूकर गेम खेलने जाता था, जो गेम का पैसा 10 हजार रुपये शेष था, मेरे अलावा अन्य कई लडक़े उसके यहां इस्नूकर गेम खेलने जाते है। 20 अक्टूबर को करीबन 09.30 बजे मै अपने साथी इशू दुबे के साथ में मोटर सायकल से घूमता हुआ के-स्क्वायर के बाजू में सरगम पनीर चिल्ली के ठेला के पास पहुंचा तो अमित वासवानी उर्फ गोल्डी मुझे रास्ते मे रोक कर गेम के उधारी के पैसे की बात को लेकर मुझे गालिया देने लगा, गालिया देने से मना किया उसने मेरे साथ मारपीट की, तब मेरे साथी इशू दुबे बीच बचाव करने लगा तो अमित वासवानी उसके साथ भी मारपीट करने लगा, तब मौके पर उपस्थित कृष्णा सैनी, संस्कार निगम आकर बीच बचाव किये, तब वह मुझे एवं मेरे साथी को जान से मार डालने की धमकी देते हुये चले गये, घटना की बात अपने पिता को बताया फिर कुछ देर बाद मेरे पिता मुझे साथ लेकर बात करने लिये उसके घर के पास गये तो, अमित वासवानी एवं यश वासवानी दोनों लोग मिलकर मेरे तथा मेरे साथी इशू दुबे के साथ मारपीट करने लगे थे, हल्ला सुनकर कृष्णा सैनी, संस्कार निगम, रजत निगम आ गये थे, जो वह लोग एवं मेरे पिता बीच बचाव किये है। तब वह दोनो लोग मुझे तथा मेरे साथी इशू दुबे को धमकी दिये कि आज तो बच गये हो, दोबारा मिलोगें तो जान से खत्म कर देगें। मारपीट से मेरे बाये गाल, पेट, पीठ, गुप्तांग के पास चोटे आई है, दर्द हो रहा है तथा मेरे साथी इशू दुबे के पीठ, पेट, सिर के पीछे चोटे आई है जो वह दर्द होना बता रहा है। मैनें डर के कारण उस वक्त थाना में रिपोर्ट नहीं कराई थी।
हुक्काबार का संचालन
चर्चा है कि उक्त लोगों द्वारा बगैर अनुमति हुक्काबार का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में हुक्का बार का संचालन करना गैरकानूनी है, हुक्का बार चलाने पर तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, पुलिस उप निरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारी को हुक्का बार की सामग्री जब्त करने का अधिकार है। हुक्का और सिगरेट दोनों में तम्बाकू सेनिकोटीन होता है, जो एक नशीली दवा है, हुक्का का धुआं अंदर लेना सिगरेट के धुएं की तरह ही नशे की लत है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, एक औसत हुक्का सत्र 20-80 मिनट तक चलता है और यह 100 सिगरेट या उससे ज़्यादा धूम्रपान करने के बराबर होता है।
यह कहते हैं कायदे
प्रावधान के अनुसार ऐसा स्थान जहां लोग सामुदायिक हुक्का या नारगिल से तंबाकू या अन्य समरूप उत्पादों से धूम्रपान करने के लिए एकल या संयुक्त रूप से उपलब्ध कराया जाता है, पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। न तो कोई व्यक्ति हुक्का बार खोलेगा और न ही संचालित करेगा। इसका उल्लंघन करने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। कारावास की सजा एक साल से कम और अर्थदंड 50 हजार रुपये से कम नहीं होगा। हुक्का बार की सामग्री या वस्तु जब्त करने का अधिकार पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होगा।
परोसा जा रहा नशा
अमित वासवानी उर्फ गोल्डी के घर में द्वितीय तल पर इस्नूकर गेम खिलवाने के नाम पर लंबे समय से हुक्का की आड़ में युवाओं का बर्बाद करने की खबरें अब चौक-चौराहों पर हो रही है, चर्चा है कि यहां रोजाना तमाम युवक और युवतियां हुक्का पीने के लिए पहुंचते हैं। उन्हें अलग-अलग फ्लेवर के तंबाकूयुक्त हुक्का उपलब्ध कराया जाया था। गेम खिलवाने के नाम पर हुक्का की आड़ में युवाओं को नशे की तरफ धकेला जा रहा है, बीते दिनों हुई शिकायत के बाद यह बात भी सामने आई कि कथित लोगों द्वारा संपन्न परिवार के युवाओं को निशाना बनाकर उनसे राशि वसूल करते हैं। पैसा न देने पर विवाद के साथ मारपीट करने से भी परहेज नहीं करते, खुलेआम संभागीय मुख्यालय में हुक्का की आड़ में नशा परोसा जा रहा है। मामला चाहे जो हो, लेकिन जागरूक लोगों ने पुलिस कप्तान से पूरे मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की है।

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