मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 48 आवेदन में से 10 अपात्र

  • जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जिला स्तरीय कमेटी की बैठक संपन्न।
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थियों के चयन एवं वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन

आशुतोष चतुर्वेदी, ब्यूरो चीफ
दैनिक समाज जागरण

मऊ : जिलाधिकारी अरुण कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान योजना के लाभार्थियों के चयन एवं वार्षिक कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा के उपरांत मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभार्थियों के चयन एवं वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन भी जिलाधिकारी के अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किया गया। कहा कि सरकार का उदेश्य है कि मुख्यमंत्री मत्स्य योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी हो। मछुआरों एवं मत्स्य पालकों के आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाए। इस योजना के लागू होने से स्वरोजगार के अवसर विकसित होने के साथ ही कुपोषण को भी दूर करने में सहायता मिलेगी। यह योजना ग्राम सभा के तालाबों के पट्टा धारकों एवं मछुआरों के लिए परिकल्पित की गई है।
इस योजना के तहत ग्रामसभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन के साथ ही मत्स्य बीज बैंक की स्थापना का भी प्रावधान है। इन दोनों उप योजनाओं हेतु प्रथम वर्ष निवेश पर इकाई लागत धनराशि 4 लाख प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत का अनुदान भी सरकार द्वारा सभी वर्ग के लाभार्थियों को दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों पर कोई परियोजना अनुमन्य नहीं है। इसी रिक्तता को भरने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022- 23 से मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के लाभार्थियों के चयन, अनुमोदन, पर्यवेक्षण एवं निगरानी हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। सहायक निदेशक मत्स्य रिचा चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2022-23 हेतु 7 से 16 फरवरी तक विभागीय पोर्टल के माध्यम से कुल 48 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 10 आवेदन अपात्र होने के कारण स्वीकृत नहीं किए गए। अभी कुल पात्र आवेदनों की संख्या 38 है,जिनका तहसील स्तर के साथ ही विभागीय स्तर से भी जांच की गई है। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर,कृषि उपनिदेशक एसपी श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता सिंचाई वीरेंद्र कुमार सहित कमेटी के अन्य सदस्य मौजूद थे।