बिहार विकास की पोल खोलती पालीगंज की अति महत्वपूर्ण सड़क

समाज जागरण संवाददाता:- वेद प्रकाश पालीगंज अनुमंडल

पालीगंज/ बिहार में विकास के नाम पर सरकार बनाई गई है। बहुत से इलाको में विकास की डंका बजाई जा रही है। वही राजधानी पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के कई महत्वपूर्ण सड़के जन प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के अनदेखी तथा उदासीन रवैये के कारण बलि चढ़ गई। विकास के नाम पर बहुत से नए नए सड़को का निर्माण कराई गई लेकिन आज भी पालीगंज के कई अति प्राचीन सड़के उपेक्षित है। बानगी के तौर पर पालीगंज अनुमंडल मुख्यालय को दक्षिणी इलाके को जोड़नेवाली पालीगंज मदारीपुर भाया मसौढ़ी सड़क तथा डीह पालीगंज से किंजर भाया निर्खोर गौसगंज को लिया जा सकता है। ये सड़के आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है।
बता दूं कि सोनपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ी समदा गांव स्थित मवेशी मेला तक पहुंचने वाली डीह पालीगंज से किंजर भाया निरखपुर गौसगंज सड़क ब्रिटिश जमाने की है। जिसकी अपनी निजी जमीन है। इस इलाके से जीत हासिल कर कन्हाई सिंह विधायक बने जिन्होंने इस सड़क को निर्माण कराने के बजाए एक पगडंडी को सड़क के रूप में विकसित कर दिया। जो आज भी पालीगंज से अटौलह भाया खिरिमोड के नाम से जानी जाती है। वही बाद में विधायक बने दीनानाथ सिंह यादव के प्रयास से एक अन्य पगडंडी को विकसित कर सड़क का निर्माण कराया गया जिसे पालीगंज से मदारीपुर भाया मसौढ़ी के नाम से जानी जाती है। दुर्भाग्य यह है कि आज मात्र पांच किलोमीटर लंबी पालीगंज से मदारीपुर भाया मसौढ़ी सड़क पर हजारों गड्ढे बन चुके है। जिनमे पानी भर जाने के बाद गड्ढों की गहराई भी पता नही चल पाता है। जिससे जान जोखिम में डालकर लोगो को गुजरना पड़ता है। लेकिन इसपर कोई जन प्रतिनिधि या पदाधिकारी ध्यान नही देते है। कई बार तो स्कूली वाहन भी सड़क पर पलट चुकी है। आये प्रतिदिन बाइकों से दुर्घटना होने तो मामूली बाते है। इसके बावजूद भी किसी को जनता की दुख सुख की चिंता नही है।
जब यह सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती है तो दूसरी सबसे बड़ी विकल्प डीह पालीगंज से किंजर भाया निरखपुर गौसगंज सड़क है जो पालीगंज की अपनी निजी जमीन है। यह सड़क पीडब्लूडी के अधीन था लेकिन जन प्रतिनिधियोवव पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण इसे ग्रामीण विकास कार्य बिभाग के अधीन कर दिया गया है। लेकिन आजतक इसपर मिटी तक नही डलवाई गयी। जबकि इस महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण होने से निरखपुर, सिद्धिपूर, रघुनाथपुर, मेरा, मदारीपुर, महेशपुर, महुआरी, दहिया गौसगंज, बसन्त बीघा, कौरी, काढेकुढ़, बाला बिगहा, रूपापुर सहित अन्य कई गांवों के 20 हजार ग्रामीणों को सुविधाएं प्राप्त होगी। पिछले बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान इस सड़क किनारे बसा निरखपुर व सिद्धिपूर गांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार भी किया था। इसके बावजूद भी किसी ने आजतक इसकी सुधि नही लिया। अब पुनः विधानसभा चुनाव के कुछ ही माह शेष बचे है। इतनी दिनों बीत जाने के बाद निर्वाचित स्थानीय सह पालीगंज विधायक इस सड़क निर्माण कराने के लिए पहल किया है। अब देखना है कि बचे चुनावी समय मे यह मात्र चुनावी मुद्दा बनकर रह जाती है या सड़क निर्माण हो पाती है।

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