शताब्दी वर्ष प्रवेश के साथ संघ की स्थापना दिवस पर हुआ पथ संचलन

जितेंद्र शर्मा
जैतहरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का इकलौता सामाजिक संगठन है जो अपनी स्थापना के 100 वे वर्ष में सफलता पूर्वक प्रवेश कर रहा है इतनी लंबी यात्रा के बावजूद आरएसएस आज भी अपने सिद्धांतों उद्देश्य और लक्ष्य पर निरंतर बढ़ता दिख रहा है आरएसएस का गठन विजयदशमी के दिन सन 1925 में नागपुर में की गई थी संघ राष्ट्र निर्माण में हमेशा अपनी सक्रिय भूमिका निभाया है संघ का अनुशासन उसके मार्गदर्शी सिद्धांत ने धीमे धीमे बच्चो से लेकर युवा पीढ़ी को आंतरिक रूप से प्रभावित और आकर्षित किया है संघ ने अपने हर स्वयंसेवक को राष्ट्र और समाज निर्माण के कर्तव्य का बोध कराया है जिसकी बानगी आरएसएस संगठन की लगातार बढ़ती संख्या और आकार से स्पष्ट होता है
जैतहरी नगर में आरएसएस स्वयं सेवकों द्वारा पूर्ण गदवेश में दंड के साथ कदम से कदम मिलाते हुए गीत गाते हुए नगर के विभिन्न स्थानों से होते हुए पथ संचलन का कार्यक्रम संपन्न किया गया। सभी स्वयंसेवकों का जैतहरी स्टेडियम में एकत्रीकरण हुआ जहा से पूरे नगर एवं ग्रामीण अंचल से आने वाले स्वयंसेवकों द्वारा आरएसएस की स्थापना के शताब्दी प्रवेश वर्ष के उपलक्ष्य में विशाल पथ संचलन पूर्ण गदवेश दंड सहित किया गया जो नगर के विभिन्न स्थानों से होते हुए सामुदायिक भवन में समाप्त हुआ ।