पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बिहार से राष्ट्रव्यापी शिक्षा अभियान “प्रोजेक्ट विद्यासागर” किया लॉन्च


एससीईआरटी पटना में दो दिवसीय प्रोजेक्ट विद्यासागर एजुकेशन वर्कशॉप में शामिल हुए बिहार के 60 शिक्षक

पटना।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने परख एनसीईआरटी नई दिल्ली की प्रमुख अध्यक्ष प्रोफेसर इंद्राणी भादुड़ी तथा केंद्र सरकार की विद्यांजली स्कीम के साथ मिलकर प्रोजेक्ट विद्यासागर नामक एक राष्ट्रव्यापी शिक्षा अभियान की शुरुआत पटना से की हैं। इसको लेकर एससीईआरटी पटना में 23 से 24 नवंबर तक प्रोजेक्ट विद्यासागर एजुकेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। जिसमें बिहार से 60 शिक्षक शामिल हुए।
उक्त कार्यशाला को एससीईआरटी पटना की संयुक्त निदेशक डॉ. रश्मि प्रभा, शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक निदेशक रमेश चंद्र, एनसीईआरटी की प्रोफेसर भादुड़ी, टीचर एजुकेशन डिपार्टमेंट एनसीईआरटी के प्रोफेसर विजयन के., पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स की असिस्टेंट सेक्रेटरी जेनरल शालिनी एस शर्मा, पीएचडीसीसीआई के बिहार के उप प्रधान कुमोद कुमार तथा रेसिडेंट डायरेक्टर प्रणव सिंह ने संबोधित किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोफेसर भादुड़ी ने बताया कि हाल ही में सभी बोर्डों के लिये मूल्यांकन दिशा-निर्देश स्थापित करने के उद्देश्य के एनसीईआरटी ने भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक, “परख” (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना की है जो समग्र दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से सभी संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक सामान्य मंच के रूप में कार्य करती है। जिससे एक निष्पक्ष मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित की जाएगी, जो छात्रों के मूल्यांकन में न्यायसंगतता और प्रदर्शन में समानता को बढ़ावा देती है।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स की असिस्टेंट सेक्रेटरी जेनरल शालिनी एस शर्मा ने कहा कि “परख” को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में लागू किया गया है। यह एनसीईआरटी के एक हिस्से के रूप में कार्य करता है। इसे “नेशनल अचीवमेंट सर्वे” और “स्टेट अचीवमेंट सर्वे” जैसे परिक्षण आयोजित करने का भी काम सौंपा गया है। यह तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों पर कार्य करता है- व्यापक मूल्यांकन, स्कूल-आधारित मूल्यांकन तथा परीक्षा सुधार।

एससीईआरटी पटना के संयुक्त निदेशक डॉ. रश्मि प्रभा ने कहा कि “परख” को देश की शैक्षिक प्रणाली में सुधार के लिए मानक स्थापित करने और मानदंडों को निर्धारित करने के लिए एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है जो नीति निर्माण, मूल्यांकन मानदंड और मूल्यांकन कौशल की प्रक्रिया निर्धारित करने पर केंद्रित है। परख का सीखने के परिणामों की निगरानी के साथ-साथ राज्य मूल्यांकन सर्वेक्षण और राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण का मार्गदर्शन करना एक अन्य उद्देश्य है। इसके अन्य लक्ष्य हैं भी है जिसमें आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देना, उद्योग से संबंधित शिक्षा प्रदान करना, समग्र शिक्षा प्रणाली में सुधार इत्यादि।
शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक निदेशक रमेश चंद्र ने कहा कि इस उद्देश्य से अभी हाल ही में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के अनुसार बिहार में तीसरी, छठी और नवमी कक्षा के चिह्नित छात्र एवं छात्राओं के लिए स्टेट एजुकेशन अचीवमेंट सर्वे का आयोजन किया गया है। जिसके परिणाम के आलोक में बच्चों के उपलब्धि स्तर को बेहतर बनाने के लिए आगे की कार्य योजना बनाई जाएगी।
टीचर एजुकेशन डिपार्टमेंट एनसीईआरटी के प्रोफेसर विजयन के. ने कार्यशाला में तकनीकी सत्रों को संबोधित किया और प्रतिभागियों को एनईपी 2020 के अनुरूप शिक्षाशास्त्र में नवीनतम विकास के बारे में बताया।