फूलों को तोड़कर खेतों में फेंकने को मजबूर हैं मसौढ़ी के किसान।



दैनिक समाज जगरण/पटना डेस्क



पटना के मसौढ़ी में फूलों की मंडी नहीं होने के कारण फूल व्यवसायी काफी परेशान हैं. इनका कहना है कि मंडी के अभाव में फूलों का भंडारण नहीं हो पाता है. जिस वजह से फूलों को तोड़कर फेंकना पड़ जाता है।

मसौढ़ी में फूल फेंक रहे माली

पटना: बिहार की राजधानी पटना के भगवानगंज थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव में इन दिनों फूल के व्यवसाय से जुड़े कई लोग परेशान दिख रहे हैं. ये सभी माली अपने-अपने खेतों में फूलों को तोड़कर ऐसे ही खेत से बाहर फेंक रहे हैं. इन कारोबारियों की मांग चाहे कोई भी सरकार हो, सुनने को तैयार नहीं है. मेहनत से उपजाए हुए फूल का कोई दाम नहीं मिल रहा है, जिससे माली पूरी तरह से हताश हैं. इन व्यवसायियों की मांग है कि हमलोग के फूलों को बेचने के लिए कहीं पर भी कोई मंडी नहीं बनाई गई है।

फूल मंडी नहीं होने की वजह से नहीं बिक रहे फूल: भगवानगंज थाना क्षेत्र के फूलों के गांव चैनपुर में इन दिनों फूल कारोबारी से जुड़े हुए लोग परेशान नजर आ रहे हैं. कहा जाता है कि फूल मंडी नहीं रहने से कारोबार मंदा दिख रहा है. किसानों के अनुसार फूल कहीं भी बिक नहीं बिक रहे हैं. ऐसे में अपने खेतों में लगे हुए गेंदे के फूल को तोड़कर यूं ही फेंक रहे हैं. चैनपुर गांव के सभी माली किसानों ने बताया कि पटना में फूल की मंडी नहीं है. ऐसे में कारोबार मंदा हो गया है. उन्होंने बताया कि पहले यहां से फूल बहुत दूर दूर तक तक जाता था।

दूसरे राज्यों में भी जाता था फूल: बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल , झारखंड में भी यहां से फूल का डिमांड होता था. फूल मंडी नहीं रहने के कारण कारोबार ठप पड़ गया है. कारोबार मंदा हो गया है. इसलिए फूल नहीं ले पा रहे हैं. यहीं कारण है कि कोई भी किसान अपने फूल रखने से कोई फायदा नहीं देख रहे हैं. इसलिए हम सभी फूल कार्यवाह से जुड़े हुए तकरीबन 30 लोग फूल को तोड़ कर फेंक रहे हैं।

फूलों को तोड़कर फेंक रहे किसान: चैनपुर गांव में फूल का सबसे बड़ा व्यापार है. यहां पर फूलमंडी नहीं रहने से कारोबार मंदा दिख रहा है. किसानों के अनुसार फूल किसी भी जगह या इलाके में नहीं बिक रहा है. यहीं कारण है कि सभी किसान अपने फूलों को बेचने की वजाय कहीं भी बिक नहीं बिक रहे हैं. ऐसे में अपने खेतों में लगे हुए गेंदे के फूल को तोड़कर यूं ही फेंक रहे हैं।