प्यासे को मुँह चिढ़ा रहा प्याऊ



दैनीक समाज जागरण/सुधांशू रंजन/ब्यूरो चीफ पटना

गर्मी का तापमान चरम सीमा पे पहुँच चुका है, मौषम बिभाग भी गर्मी बढ़ने की आसंका जता रहा है, ऐसे में कई विभन्न संस्थाओं के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था की जाती है ताकि आम जनमानस को जब भी प्यास लगे उसे वह तुरंत मिल जाये लेकिन ऐसा नही है

आपको बताते चले कि गर्मी का तापमान लगभग 43 डिग्री से ऊपर चला गया है और ऐसे गर्मी में लोगो का प्यास लगना स्वभाविक सी बात है लेकिन अगर आप संस्था के लगे प्याऊ से पानी पीना चाहते है तो यह मुमकिन नही है क्यु की संस्था ने यह घरा लगा दिया, और सायद अखबारों के द्वारा खबरों का प्रकाशन भी हो गया लेकिन इस तप्ति हुई गर्मी में अगर आप दोपहर को छोड़िये साम को आपको प्यास लगती है तो , संस्था के लगाये इस घरे में सायद ही आपको पानी मिल जाये, हम यह तो नही बता शकते की यह घरा किनके द्वारा लगाया गया परन्तु पानी ना होना इस घरे उस प्यासे व्यक्ति को चिढ़ाता दिख रहा है।
पटना सिटी के भगत सिंह चौक पे भी एक घरा जिसमे नल भी लगा हुआ है अपनी लाचारी को रो रहा है, साम के शमय इस घरे का पानी गायब हो जाता है , जो प्यासे व्यक्ति इस घरे को देख कर दूसरे। घरे या फिर और कहि पानी की तलाश में चले जाते है, यह नही कहा जा शकता की आखिर यह घरा भरा क्यु नही रहता क्या शमय सिमा से बंधे इस घरे की लाचारी बस शमय की बन्दीस के कारण खाली है, तो आखिर इस गर्मी में पानी संस्था पिलाए या जल बिभाग दो समय मे बंधे दिखते है, आखिर सड़क पे ऐसे घरे रखने का क्या फायदा।।
यही प्रश्न पूछ रहा।
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