रकम डबल करने वाले हुए भूमिगत,’घड़ियालों’ पर कसता पुलिस का शिकंजा



(शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो)

बालाघाट।विगत 6-7 वर्षों से रकम दोगुनी तिगुनी कर आम जनता को बेवकूफ बना कर अडानी अम्बानी बने लांजी भोलेगांव निवासी को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया है जिनके पास से करोड़ो की नगदी,कई बैंकों के हजारों में पासबुक, रुपये को गिनने वाली मशीन समेत गाड़ी बंगला व बेमानी संपत्ति के कागजात को पुलिस ने बरामद किया है (सूत्रीय जानकारी)जिसकी जांच जारी है।प्राप्त जानकारी अनुसार पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गोंदिया, आमगांव से शुरू हुआ यह गोरखधंधा बालाघाट जिले के लांजी तहसील में इतना प्रसिद्ध हो गया कि अपनी रकम को दोगुनी करने के चक्कर मे कइयों ने अपनी जमीन तक बेचकर इन ठगों के पास धन जमा कराया था जो अब अधर में लटक गया है जिससे इस गोरखधंधा में जमा किये निवेशकों के पैरों तले जमीन खिसकती नजर आ रही है।हालांकि यह गोरखधंधा अकेले की बस की बात नही थी इसमें आम से लेकर खास तक शामिल होकर मलाई खा रहे थे।इसका भंडाफोड़ उस समय हुआ जब एक निवेशक ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किया तब जाकर इन ‘डकैतों’ के ऊपर पुलिस का डंडा चला नही तो इतने वर्षों से यह गोरखधंधा बेरोकटोक चल रहा था जबकि तीन तीन पुलिस थाना के जद में रहकर यह गोरखधंधा चल रहा था जिस पर स्थानीय पुलिस गूंगी बहरी बनकर तमाशा देख रही थी।जिसका खास वजह था इन डकैतों के द्वारा हर माह नजराना पेश किया जाना था जिससे सभी कान में रुई डाल कर सो रहे थे।अभी दो दिन पहले लांजी निवासी ‘कथित पागल’ जब निवेशकों का पांच करोड़ रुपये लेकर चंपत हुआ तब निवेशकों ने कथित पागल के दुकान में जमकर लूटपाट किया जिसको चोरी दर्शाने की कोशिश की गई लेकिन जब हकीकत लोगो के सामने आई तो उक्त ‘पागल’ के पागलपन की कहानी लोगो के पुलिस को भी समझ आ गयी।बता दे उक्त व्यक्ति को इस लिए पागल कहा जा रहा है कि उसने सोची समझी रणनीति के तहत अपने नाम से मेन्टल प्रॉब्लम का सर्टिफिकेट बनवा रखा था और जब इसके पास लोगो ने करोड़ो जमा कर दिया तो उक्त पागल ने सारा धन समेटकर रफूचक्कर हो गया जिसकी तलाश की जा रही है।बहरहाल पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ के निर्देशन पर भोलेगांव सरपंच, रोहित गुरु व हेमराज आमाडारे के यहाँ छापामार कार्यवाही कर महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किया गया है और इनको पूछताछ के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचने का आदेश दिया गया है।इसी मामले में शामिल अजय तिड़के नामक घड़ियाल को पुलिस ने कब्जे में लेकर पूछताछ कर रही है जिसके पास से रुपये से भरा बैग,चार पहिया वाहन, मोबाइल व अन्य संदिग्ध दस्तावेज को पुलिस ने सील कर अपने कब्जे में लिया है।बता दें अजय तिड़के नामक घड़ियाल के पास से बेमानी संपत्ति भारी मात्रा में मिलने की उम्मीद है जो जांच के बाद सामने आने की उम्मीद है।अब सवाल यह उठता है कि इतने बड़े गोरखधंधे की खबर स्थानीय मीडिया और तीन तीन थाना प्रभारियों को कैसे नही लगी जो इन सभी को सवाल के कठघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। इस मामले में जितना दोषी एक का दो बनाने वाले घड़ियाल है उतना ही दोषी पुलिस प्रशासन भी है जो समय रहते इन डकैतों के ऊपर कार्यवाही नही किए अगर उक्त डकैतों की गर्दन पकड़कर आज से पांच साल पहले पुलिस दबा देती तो शायद यह दिन देखने को न मिलते।अब देखना यह है कि इस खेल में कितने लोगों का नाम आता है जिन्होंने गरीबो की खून पशीने की कमाई पर ऐश किया क्या इनके गर्दन तक पुलिस का हाथ पहुंचेगा या राजनीति का भेंट चढ़ कर कुछ लोगो को पकड़कर इतिश्री कर लिया जाएगा।