दैनिक समाज जागरण किशनगंज
यह सर्वजनविदित है कि शतरंज का खेल मनुष्य के तर्कशक्ति में वृद्धि करता है। पर यह एक कठिन एवं जटिल खेल है, जो सबके पल्ले नहीं पड़ता। जिला शतरंज संघ किशनगंज पिछले 28 वर्षों से इस खेल को अपने जिले सहित आसपास के क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के बीच निःशुल्क पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। पर संघ का मानना है कि विद्यार्थियों के तर्कशक्ति को बढ़ाने के लिए इस खेल को सीखाने से पहले उनसे कुछ अन्य प्रकार के सहज बुद्धिमतापूर्ण टास्क भी हल कराये जा सकते हैं। संघ ने इस प्रयास को रीजनिंग क्लासेज के रूप में प्रदर्शित किया, जो वास्तव में एक शतरंज उन्मुखीकरण रोचक कार्यक्रम है। इस सूत्र में गुरुवार को अपने जिले के एक निकटवर्ती जिला अररिया के एक निजी विद्यालय अल-मनार एडुकेयर में संघ द्वारा रिजनिंग क्लासेस लगाने की व्यवस्था कराई गई।
संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता एवं वरीय संयुक्त सचिव कमल कर्मकार ने सूचित किया कि इस विद्यालय के प्रबंध निदेशक जनाब अफ्फान कामिल एवं प्रिंसिपल निदेशक इखवान कामिल के आग्रह पर यह आयोजन संपन्न हुआ। इस आयोजन में महासचिव तथा कार्यक्रम के संयोजक श्री दत्ता ने शतरंज की गोटी, रुमाल, गाछ का पत्ता, कागज-कलम, रस्सी, पेन, माचिस की तीली आदि से दो दर्जन से अधिक दिमागी कसरत प्रस्तुत किया साथ ही उनका हल भी बताया। छात्र-छात्राओं ने भी इस प्रकार के आयोजन से भरपूर आनंद उठाया एवं अनुरोध किया कि नियमित अंतरालों पर इस प्रकार के क्लासेस भविष्य में भी लगवाए जाएं, ताकि वे इससे पर्याप्त लाभ प्राप्त कर सकें। इस पर प्रबंध निदेशक जनाब अफ्फान कामिल ने विद्यार्थियों को आश्वस्त करते हुए बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम उनके रुचि के भी अनुकूल है तथा देश की नई शिक्षा नीति में भी कहा गया है कि पठन-पाठन के अतिरिक्त विद्यालयों में इस प्रकार के सकारात्मक उपयोगी गतिविधियों को भी पर्याप्त रूम से शामिल किया जाना चाहिए।
इस रीजनिंग क्लास में सना तनवीर, सलेहा साबा, अतिका नाज, दानिया फातिमा, सेंदा, मन्नत, फातिमा, आमना फातिमा, सुमैया, फरिहा, अनायत, फराह नवाज, मारिज, सयान, अहमद, जीशान, अयान, रेहान, शमशाद सहित विद्यालय के करीब 100 छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। व्यवस्था संभालने में विद्यालय के शिक्षकवृंद यथा नीरज झा, मनोज कुमार, श्रवण वर्मा, वसीम अकरम एवं अन्य का भरपूर सहयोग रहा।