पिता को मुखाग्नि देकर प्रज्ञा कुमारी ने दिया साहस और कर्तव्य का अद्भुत उदाहरण
समाज जागरण सत्येंद्र चौरसिया
पलामू (झारखंड)डाल्टनगंज के श्री राम पथ, पांकी रोड निवासी वीरेंद्र प्रसाद उर्फ वकील का असमय निधन परिवार और समाज के लिए गहरी क्षति है। बीमारी के कारण, जीवन के मध्य पड़ाव में उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे पत्नी और दो बेटियां, प्रज्ञा कुमारी और विद्या कुमारी, छोड़ गए हैं।इस दु:खद घटना में एक अनोखी मिसाल तब देखने को मिली जब उनकी बड़ी बेटी प्रज्ञा कुमारी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। यह कदम समाज में बेटियों की भूमिका और उनके साहस का अद्भुत उदाहरण है। जिन बेटियों का कन्यादान करने का सपना अधूरा रह गया, उनमें से एक ने पिता की अंतिम विदाई का कर्तव्य निभाकर अपने साहस और सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया। प्रज्ञा का यह कदम समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।परिवार पहले ही गहरे दुखों से गुजर चुका है। इस वर्ष मृतक की मां का निधन हुआ, जबकि उनके पिता भी कुछ वर्ष पहले दिवंगत हो चुके थे। इस असमय मृत्यु ने पूरे परिवार और संबंधियों को गहरे सदमे और पीड़ा में डाल दिया है।वीरेंद्र गुप्ता के निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि समाज भी शोकाकुल है।उपस्थित शुभचिंतकों ने प्रार्थना किया कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्राप्त हो। साथ ही, प्रज्ञा कुमारी के इस साहसिक कदम की सराहना करते हुए, समाज को बेटियों को समान अधिकार और सम्मान देने की प्रेरणा लेने की अपील की जाती है।