नगर पालिका अध्यक्ष की मेहनत रंग लाई
उमरिया —उमरिया जिले का पाली नगर का ऐतिहासिक सगरा तालाब के दुर्दशा से उबरने की तड़प ने कायाकल्प का रास्ता निकल ही गया , जिसका श्रेय नगरपालिका परिषद की अध्यक्ष सुश्री शकुंतला प्रधान जी को जाता है ,जिनके अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया । पाली के सगरा तालाब की उपयोगिता जितनी पाली के नागरिकों के लिए जीवनोपयोगी रही है , उससे ज्यादा वह पशु -पक्षियो, के लिए भी उसकी उपयोगिता रही है । बहुप्रसिद्ध सगरा तालाब का धार्मिक महत्व भी इस सबसे ज्यादा रहा है, जहां पर दूर दूर से लोग पाली पहुंच कर सगरा तालाब में डुबकी लगाते और माता के दरबार में माथा टेक अपनी मन्नत पूरी करते थे, जिससे सिर्फ पाली के लिए नहीं आस पास के क्षेत्र तक इस तालाब की उपयोगिता, उसकी निर्मलता, स्वच्छता, रखरखाव के तौर तरीकों की चर्चा होती रही है , लेकिन इस धीरे धीरे इस तालाब को भी आधुनिकता ने मैली कर दिया ।सगरा तालाब न सिर्फ गंदगी से पट गया उसकी यह हालत हो गई कि वह रेगिस्तान को में तब्दील हो गया ।खेद जनक कहा जाये कि सगरा तालाब में अथाह जल भराव से क्षेत्र की भूमि का जल स्तर बढ़ाने वाला तालाब जो सबकी प्यास बुझाने का दम रखता था , खुद प्यासा,सूखा और पानी के लिए तरसने लगा ।
सगरा तालाब के कायाकल्प के लिए पाली नगर की लंबी समय से मांग करता चल रही थी ,जो पाली के लिए कलंक बन कर रह गया था । ऐसा नहीं की इस तालाब की स्थिति से निपटने के प्रयास नहीं किए गए, इसके लिए काफी प्रयास किए जा चुके थे लेकिन वह सब तालाब की तस्वीर बदलने में कारगर नहीं हो सकें ।सगरा तालाब की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए नगरपालिका परिषद पाली की अध्यक्ष सुश्री शकुंतला प्रधान ने इसके कायाकल्प करने का प्रयास किया जिसके लिए उन्होंने दिल्ली -भोपाल और बिलासपुर की दौड़ लगाते हुए इसके लिए साऊथ ईस्ट कोल इंडिया लिमिटेड के सी एस आर मद से चार करोड़ से अधिक की राशि की स्वीकृति दिलाने का कामयाबी हासिल की है ।इस सफलता के लिए उन्होंने अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर, महाप्रबंधक जोहिला क्षेत्र , उपक्षेत्रीय प्रबंधक पाली के प्रति हृदय से धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है । एस ई सी एल प्रबंधन के सहयोग से ऐतिहासिक सगरा तालाब के जीर्णोद्धार करायें जाने हेतु मिली इस धन राशि से सगरा तालाब अपना खोया हुआ गौरव पुनः हासिल कर सकेंगा,ऐसी उम्मीद अब जन मानस में बना हुआ है ।