समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पण और सेवा आवश्यक- डॉ महेश शर्मा

राष्ट्रीय सामाजिक गौरव सम्मान पुरस्कार समारोह 2025
संवाददााता
नोएडा। राष्ट्रीय सामाजिक गौरव सम्मान पुरस्कार समारोह 2025 का आयोजन डॉ. कुसुम पथारिया द्वारा, सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड के तत्वावधान में जलवायु विहार, सेक्टर 21 में  किया गया। इस सम्मान समारोह में सामाजिक कार्य, महिला सशक्तिकरण, मानवाधिकार रक्षा, और न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करने में योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। समाजिक सरोकारों से जुड़े लेखन के लिए पत्रकार एस एन वर्मा को भी शॉल और प्रतीक चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद डॉ. महेश शर्मा उपस्थित रहे।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पण और सेवा आवश्यक है। जो लोग न्याय और समानता के लिए कार्य कर रहे हैं, वे सच्चे नायक हैं। हमें ऐसे प्रयासों को समर्थन देना चाहिए, जो समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों को न्याय दिलाने और सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
उन्होंने समान अवसर और न्याय को ईश्वरीय कार्य बताते हुए कहा कि
सभी को समान अवसर देना और न्याय का अधिकार सुनिश्चित करना ईश्वर का कार्य है  और यह एक पवित्र जिम्मेदारी है। यह उन लोगों को ऊपर उठाने का कार्य है, जिन्हें सबसे अधिक सहायता की आवश्यकता है।  उन्होंने कहा कि डॉ. कुसुम पथारिया, श्रीमती नीलिमा मिश्रा और श्रीमती विमला बाथम जैसी महिलाएँ इस प्रयास का सजीव उदाहरण हैं, जिन्होंने समाज के हर वर्ग को अवसर देने के लिए अथक परिश्रम किया है।
डॉ. महेश शर्मा ने डॉ. कुसुम पथारिया के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड न केवल महिलाओं और वंचित वर्गों की आवाज उठा रहा है, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम भी उठा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. कुसुम पथारिया और उनकी टीम का समर्पण सराहनीय है। यह बोर्ड समाज के जरूरतमंदों की मदद के लिए एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती विमला बाथम (पूर्व विधायक एवं पूर्व राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष), एन. पी. आनंद (वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया एवं महानिदेशक, सामाजिक न्याय बोर्ड), एवं श्रीमती नीलिमा मिश्रा (ट्रस्टी सचिव, जन कल्याण ट्रस्ट, आनंद निकेतन वृद्धाश्रम, नोएडा) ने भी अपने विचार रखे और समाज में न्याय व समानता की आवश्यकता पर जोर दिया।
नोएडा के प्रतिष्ठित आनंद निकेतन वृद्धाश्रम के ट्रस्टी व समारोह की विशिष्ट अतिथि नीलिमा मिश्रा ने अपने कठिन व संघर्ष से भरा शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि वृद्धाश्रम में सभी वर्ग के लोगों को आश्रय दिया जाता है. महानिदेशक डॉक्टर एन. पी. आनंद ने बोर्ड की मजबूती पर बल देते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड भारत का पहला लोकतांत्रिक बोर्ड है, जो जरूरतमंदों के सुख-दुःख में हर समय उनके साथ खड़ा रहता है और न्याय की पहल को सशक्त बना रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड के कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर गरीब, असहाय मजदूरों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बोर्ड की वेबसाइट या टोल-फ्री नंबर के माध्यम से अपनी समस्या दर्ज करा सकता है।
बोर्ड की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुसुम पथारिया ने कहा कि यह आयोजन न्याय और समानता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने इस कार्यक्रम की योजना और आयोजन की संपूर्ण जिम्मेदारी संभाली और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान, बोर्ड की आगामी योजनाओं की भी घोषणा की गई, जिनमें महिला सुरक्षा, कानूनी सहायता, एवं मानवाधिकार जागरूकता अभियान शामिल हैं।
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया।
समारोह के समापन अवसर पर सभी विशिष्ट अतिथियों ने सम्मानित विभूतियों को बधाई दी और उनके कार्यों की सराहना की। इस भव्य आयोजन ने न केवल सामाजिक नायकों को पहचान दी, बल्कि आम नागरिकों को भी प्रेरित किया कि वे समाज की बेहतरी के लिए योगदान दें। यह आयोजन सामाजिक सेवा, न्याय और महिला सशक्तिकरण को समर्पित रहा और भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई गई।
इस मौके पर निदेशक श्रीमती ज्योति राणा,डॉ. महेश कुमार अन्य पदाधिकारियों के साथ उपस्थित रहे। उत्तर प्रदेश राज्य से श्रीमती ममता तिवारी, उमा जायसवाल,राजकुमारी सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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