सोन नदी से निकल रहा रेत ,और प्रशासन दे रहा संरक्षण

जितेंद्र शर्मा अनूपपुर प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युत नगरी चचाई के पास ही चल रहा रेत उत्खनन का अवैध व्यापार फल फूल रहा है किंतु इस पर पुलिस की टेढ़ी नजर एवं प्रशासनिक कार्यवाही नहीं हो रही है, इस कारण अवैध कारोबारी के हौसले बुलंद रहते हैं / चचई थाने में पता नहीं कितने थाना प्रभारी आए और चले भी गए, किंतु नगर में संचालित कबाड़ एवं शराब के अवैध व्यवसाय पर अंकुश नहीं लगा पाए ,वर्तमान में जो थाना प्रभारी हैं उनसे नगर वासियों को बहुत अपेक्षाएं थीं कि वह अपने कड़क मिजाज के कारण अवैध धंधों में अंकुश लगा पाएंगे किंतु ऐसा कुछ होता नहीं दिखाई देता पूर्व की तरह जो लोग अवैध धंधे के व्यवसाय में संलिप्त थे वो लोग आज भी अवैध व्यवसाय में लिप्त होकर मौज काट
रहे हैं। सूत्र बताते हैं यादव जो की जल सप्लाई का कारोबार आस पास के एरिया के घरों में पानी की सप्लाई करता है वह आज कल प्रशासनिक अमले की सांठ गांठ से चचाई के समीप सोन नदी से अवैध रेत का उत्खनन रात भर करता है जो की धिरोल निवासी है कर्ली में नौकरी करता है।फर्जी नौकरी के मामले में उसके ऊपर केस भी चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर नौकरी में भी ऐसी धांधली कर रहा है कि कोल इंडिया के कर्मचारी और अधिकारी भी उसके शरण के अधीन जान पड़ते है कालोनी में पानी सप्लाई का है काम । अवैध उत्खनन करने वाले का काम संजय नगर कॉलोनी में पानी सप्लाई का है लेकिन हाजिरी लगाकर पानी सप्लाई के बजाय स्वयं के पानी सप्लाई का करते हैं काम और ठेके से एक मजदूर लेकर उसे अपना काम करवाता है जबकि किसी भी सरकारी नौकरी में यह नियम नहीं है कि अपने जगह पर किसी ठेका श्रमिक को भेज कर काम कराया जाए लेकिन उसके बाद भी यादव का रसूल ऐसा है कि अपनी जगह पर ठेका श्रमिक से काम करवाता है और पूरे अधिकारी कर्मचारी जो कि इसी कॉलोनी में रहते हैं उसके नाक के नीचे इतना बड़ा कार्य हो रहा है लेकिन कोई भी इस कार्य को रोकने का या उनको नौकरी से सस्पेंड करने का कार्य नहीं कर रहे हैं यदि एक दो कोई ऐसी शिकायत है जाती है तो यादव अपने हिसाब से उसे मैनेजमेंट कर लेते हैं और कालरी के अधिकारियों को भी ऐसा मैनेजमेंट करते हैं की उसके खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं कर पाते हैं वही एक और अपने काम के बदले दूसरे काम में व्यस्त रहते हुए यदि कुछ ऐसी अप्रत्याशित घटना उस ठेका श्रमिक के साथ हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा यह सोचने का विषय है
दो डग्गी के माध्यम से निकलता है लाखो का रेत।
कुछ दिन पहले ही हुए रेत के ठेके को कैंसल किया गया वही से आस पास के रेत चोरों को चांदी हो गई और रही सही कसर थाने के अधिकारियों की मिली भगत ने पूरी कर दी देखा जाए तो पिछले दो महीने से जब से महाकाल कंपनी ने रेत के ठेके को बंद किया है तभी से चचाई थाना अंतर्गत सोन नदी के आसपास के एरिया से धिरोल निवासी एक व्यक्ति रेत के अवैध उत्खनन में अपनी किस्मत आजमाने लगा है रेत चोरी का यह काम रात भर चलता है डग्गी की धमा चौकड़ी थाने के पुलिस प्रशासन को दिखाई नहीं पड़ता है या फिर कहा जाए तो पुलिस और अवैध उत्खनन करता की जुगलबंदी ऐसी की नाक के नीचे से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है और क्या मजाल कि पुलिस प्रशासन किसी भी डग्गी ट्रैक्टर के ऊपर कारवाई कर सके । । अवैध कार्यों का गढ़ बना थाना चचाई रेत के साथ ही सट्टा ,कबाड़ एवं अवैध शराब भी नगर में एक नासूर का रूप ले चुका है। इस व्यवसाय से नगर का वातावरण प्रदूषित हो रहा है, वही सबभ्रांत घरों की बहू बेटियों व महिलाओं का बाजार क्षेत्र में आना जाना कठिन हो गया है ? शराबी व गंजेड़ी नशे की हालत में महिलाओं से अभद्र व्यवहार करते रहते है किंतु लोक लाज से महिलाएं चुपचाप सब कुछ सहन कर रह जाती। कबाड़ियों की भी पांचों उंगली कड़ाही पर। । । कबाड़ चोर और इसके गुर्गे कालरि से लोहे का कबाड़ तो निकाल ही रहे हैं और आस पास के आवास परिसरों से लोहे की खिड़की दरवाजे इत्यादि तोड़ कर / ले जाते हैं तथा उसी कबाड़ी को चंद्र रूपों में बेच देते है। कबाड़ी के गुर्गे के दिन में रेकी कर पता लगाते रहते हैं की कौन सा घर खाली है और किस घर में रात के अंधेरे में चोरी करना है।थाने के नाक के नीचे चल रहा अवैध कारोबार । पुलिस की निष्क्रियता से चचाई थाना अंतर्गत विभिन्न ठीहो में उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा कारोबार चलाना कही न कही थाना प्रभारी की निष्क्रियता या फिर जान बूझकर आंख मूंद लेना पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।