एसईसीएल श्रमिक आवास पर सटोरियों और नेताओ का कब्ज़ाअवैध गतिविधि संचालित, अफसरों की मौन स्वीकृति…?

शहडोल। बुढार ग्रुप के अंतर्गत जो श्रमिक कॉलोनी आती है यहां पर सबसे अधिक अवैध कब्जों की भरमार देखी जा सकती है यहां बैठे जिम्मेदार लोग शिकायत मिलने के बाद भी इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करते जिस कारण से ही अवैध कब्जे धारियों सकते हौसले बुलंद नजर आते हैं आज अगर कालोनियों का सर्वे करा लिया जाए तो बड़ी संख्या में अवैध कब्जा धारियों की संख्या देखी जा सकती है जो कि मुफ्त में बिजली और पानी का उपयोग कर रहे हैं। इसमें कई खद्दरधारी नेताओ के भी आशियाने तने है और तो और कुछ सटोरियों ने भी कालरी श्रमिको के लिए बने आवास पर कब्ज़ा कर लिया गया है और कुछ माननीयो ने श्रमिक आवास को तोड़कर दोमंजिला हवेली तान दी है, ऐसे में कोई बताये सबसे पहले किसके अवैध कब्जे को मुक्त करने की कार्यवाही की जानी चाहिये।


एसईसीएल सोहागपुर एरिया में व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में प्रबंधन के कितना ध्यान होता है असल में यह कालोनियों में देख कर ही पता चलता है कभी सोहागपुर एरिया का मेन पावर 9000 के आस पास होता था साल बीतते गए और सेवानिवृत्त होते होते आज यह संख्या 4000 के आस पास पहुंच गई है लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की सुविधाओं में प्रबंधन की ओर से कोई बढ़ोतरी की जा रही है यह भी दूर दूर तक देखने को नहीं मिल रहा है अब वर्तमान समय में देखा जाए तो लगभग आधा दर्जन से भी अधिक श्रमिक कॉलोनी है और इन कालोनियों में बड़ी मात्रा में अवैध कब्जे देखे जा सकते हैं इतना ही नहीं खाली आवासों का रखरखाव न होने के कारण अब यह खंडहर का रूप लेते जा रहे हैं दूसरी तरफ अवैध कब्जे को लेकर कई बार सर्वे किया जा चुका है लेकिन इसके बाद ही अवैध कब्जे को हटाने की दिशा में प्रबंधन की ओर से कोई कार्यवाही की जा रही हो यह भी दूर दूर तक देखने को नहीं मिल रहा है सवाल यह उठता है कि क्या अब प्रबंधन की जिम्मेदारी सिर्फ कोयला उत्पादन तक ही सीमित रह गई है कर्मचारियों की समस्याएं या फिर कालरी की संपत्तियों पर किए जा रहे कब्जों पर कार्यवाही को लेकर कोई ठोस प्रयास आखिर नजर क्यों नहीं आते।

पहले तो अवैध कब्जे धारियों के द्वारा 1 ही आवास पर कब्जा किया जाता था अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि एक व्यक्ति हैं 2 से लेकर 3 आवासों तक में कब्जा कर रखा है कैंप नंबर 1 कॉलोनियों में तो हालात इस तरह के हैं कि नए निर्माण तक करा दिए गए हैं और कार्यवाही को लेकर आज तक प्रबंधन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया संजय नगर कॉलोनी में अगर देखा जाए तो यहां पर अवैध कब्जों की भरमार तो है लेकिन जो आवास खाली पड़े हैं रखरखाव न होने के कारण वह धीरे-धीरे खंडार का रूप लेते जा रहे हैं आखिर इन समस्याओं के समाधान को लेकर एरिया प्रबंधन कब ध्यान देगा यह अब एक सवाल बना हुआ है।