कटनी: अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत, कर्मयोगी और प्रकृति पुत्र संत त्यागीजी को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने शीतकालीन चारधाम यात्रा कराई है। इस यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल थे।
संत त्यागीजी ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज एक ऐसे सन्यासी हैं जो सत्य को बिना किसी स्वार्थ के जीते हैं। वे धर्म के मार्ग से राष्ट्र निर्माण का संदेश देते हैं। संत त्यागीजी ने कहा, “आज दुनिया को ऐसे सच्चे संतों की आवश्यकता है। शंकराचार्य जी एक अति पवित्र आत्मा हैं।”
संत त्यागीजी के ज्ञान तीर्थ स्वर्ग धाम, विलायत कला, कटनी में हो रहे निस्वार्थ कार्यों के कारण भारत ही नहीं, विदेशों से भी लोग उनके अनुयायी हैं। त्यागीजी का मानना है कि भोजन, शिक्षा और संस्कार ही जीवन का आधार हैं। वे मानव में देवत्व जगाने और धरती पर स्वर्ग बनाने का संदेश देते हैं।
त्यागीजी ने अपना सर्वस्व समाज के लिए समर्पित कर दिया है। वे सत्य, प्रेम, सद्भाव और समर्पण के प्रतीक हैं। मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा से ऊपर उठकर वे सत्य की राह पर निरंतर संघर्ष करते हैं। बिना किसी चंदे या भीख के वे समाज को सच्ची सीख देते हैं।